Wednesday, December 24, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

शरद-उद्धव की पार्टियों को मिला असली का तमगा

लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और कई राज्यों के नतीजों ने चौंकाया है। जिन राज्यों के चुनाव नतीजे भाजपा के अनुरूप नहीं आए हैं, उनमें महाराष्ट्र भी प्रमुख है। इस राज्य में 2019 के चुनाव में 23 सीटे जीतने वाली भाजपा इस बार नौ सीटों पर सिमट गई है। वहीं पिछले चुनाव में एक सीट जीतने वाली कांग्रेस इस बार 13 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इन चुनाव नतीजों से एक बात साफ हुई है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी को लोगों की सहानुभूति मिली है। शिवसेना यूबीटी और एनसीपी एसपी ने बगावत, टूट देखी और दोनों के चुनाव चिन्ह छिन गए, यहां तक कि नाम भी बदलने पड़े, इसके बावजूद जनता ने इन दोनों पार्टियों को असली का तमगा देते हुए खूब सीटें दीं। महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी को नौ और एनसीपी एसपी को 8 सीटों पर जीत मिली है। भाजपा नौ सीटों पर सिमट गई है, जबकि कांग्रेस 13 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना को सात और अजित पवार की एनसीपी को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली है। एक सीट निर्दलीय के खाते में गई है। जोरदार जीत के बाद शिवसेना यूबीटी के पार्टी कार्यालय के बाहर पोस्टर भी लग गए, जिनमें लिखा था कि ‘कौन असली शिवसेना है? जनता ने ये बता दिया है।’ इस बीच साल 2022 में शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे ने बगावत कर पार्टी तोड़ ली और भाजपा के साथ गठबंधन करके सीएम बन गए। वहीं लंबे समय से सत्ता में आने की जुगत में लगे अजित पवार ने भी अपने चाचा और एनसीपी मुखिया शरद पवार के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया। नतीजा ये हुआ कि एनसीपी भी दो फाड़ हो गई और अजित पवार की एनसीपी को चुनाव आयोग ने असली का दर्जा दिया और शरद पवार को अपनी पार्टी का नाम बदलकर एनसीपी एसपी रखना पड़ा। ऐसा ही शिवसेना के साथ भी हुआ और शिंदे की शिवसेना को चुनाव आयोग ने असली शिवसेना माना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना को भी अपना नाम बदलना पड़ा।

Popular Articles