कोविड-19 महामारी के बाद भविष्य की महामारियों से बचाव के लिए 77वीं विश्व स्वास्थ्य सभा (डब्ल्यूएचए) में अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों (आईएचआर 2005) को अपनाने में देशों की मदद करने में भारत ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने सोमवार को यह बात कही। एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में 77वीं विश्व स्वास्थ्य सभा ने सदस्य देशों की ओर से पेश 300 प्रस्तावों के आधार पर आईएचआर 2005 के संशोधनों को मंजूरी दी। चंद्रा ने कहा, आखिरकार आईएचआर को अंतिम रूप दिया गया, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस मायने में भारत का अच्छा योगदान रहा है, जिसने लोगों को एकजुट किया। मुझे लगता है कि हमें वैश्विक दक्षिण और वैश्विक उत्तर से सम्मान मिलता है, इसलिए हम एक अच्छी मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि इन आईएचआर को पहली 2005 में मंजूरी मिली थी। ये अंतरराष्ट्रीय कानून की तरह हैं, जिनका महामारी के संदर्भ में सभी देशों द्वारा पालन करना जरूरी है। आईएचआर को मंजूरी इस विश्व स्वास्थ्य सभा के सबसे बड़े निष्कर्षों में से एक है।





