रक्षा मंत्रालय ने स्वदेश निर्मित 97 और एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को करीब 65,000 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है। किसी स्वदेशी सैन्य उपकरण की खरीद के लिए भारत सरकार की तरफ से दिया जाने वाला यह अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर होगा। रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी टेंडर पर जवाब देने के लिए एचएएल को तीन महीने का समय दिया गया है। नए एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों में 65 फीसदी से अधिक स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया जाने वाला है। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि इन विमानों के आने से भारतीय वायुसेना को मिग-21, मिग-23 और मिग-27 के अपने बेड़े को बदलने में मदद मिलेगी, जिन्हें या तो चरणबद्ध तरीके से हटा दिया गया है या फिर निकट भविष्य में हटाया जाना है। 97 और एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमान खरीदने की योजना की घोषणा सबसे पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने स्पेन की धरती पर की थी, जब वह स्वदेशी लड़ाकू विमान सौदों को बढ़ावा देने की योजना के बारे में बता रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य एचएएल के पुनरुद्धार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचार को आगे बढ़ाना है। साथ ही यह देशभर में रक्षा व्यवसाय में लगे छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।