नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। देश भर के लाखों सरकारी कर्मचारी इस उम्मीद में हैं कि आगामी बजट या साल 2025 की शुरुआत में सरकार इस पर बड़ा ऐलान कर सकती है। वर्तमान में लागू 7वें वेतन आयोग की अवधि समाप्त होने की ओर है, जिसके बाद नया वेतन ढांचा तैयार किया जाना अनिवार्य है।
कब तक लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग?
आमतौर पर केंद्र सरकार हर 10 साल में एक नए वेतन आयोग का गठन करती है। 7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 को लागू हुआ था, इस हिसाब से 8वें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाना प्रस्तावित है।
- गठन की उम्मीद: माना जा रहा है कि सरकार साल 2024 के अंत तक या 2025 में इसके लिए समिति का गठन कर देगी।
- अमल में देरी क्यों? वेतन आयोग की सिफारिशों को तैयार करने और उन्हें लागू करने में करीब 18-24 महीने का समय लगता है।
कितनी बढ़ सकती है आपकी सैलरी? (संभावित गणना)
8वें वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी और फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) में बड़ी बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
फिटमेंट फैक्टर का प्रभाव
कर्मचारियों की सबसे बड़ी मांग फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 3.68 गुना करने की है।
- यदि सरकार इस मांग को मान लेती है, तो वर्तमान में ₹18,000 की न्यूनतम बेसिक सैलरी पाने वाले कर्मचारी का वेतन सीधे बढ़कर ₹34,400 के करीब पहुंच सकता है।
- इसके साथ ही, महंगाई भत्ता (DA) और हाउस रेंट अलाउंस (HRA) के पुनर्गठन से कुल मासिक आय में जबरदस्त उछाल आएगा।
किन कर्मचारियों को होगा फायदा?
इस आयोग के लागू होने से सीधे तौर पर 48.67 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। इसमें रेलवे, रक्षा और डाक विभाग जैसे बड़े क्षेत्रों के कर्मचारी भी शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए सरकार इस बार वेतन वृद्धि में उदारता दिखा सकती है।
विशेषज्ञ की राय: कर्मचारी संघों का तर्क है कि 7वें वेतन आयोग की तुलना में वर्तमान में जीवन निर्वाह की लागत काफी बढ़ गई है, इसलिए फिटमेंट फैक्टर में बड़ी वृद्धि समय की मांग है।





