वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद रूसी प्रतिक्रिया को खारिज करते हुए कहा है कि इन प्रतिबंधों का वास्तविक असर अगले छह महीने में नजर आएगा। ट्रंप ने इस दौरान रूस को सीधी चेतावनी देते हुए कहा, “देखते हैं कि यह सब कैसे होता है।”
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बेशक रूस पर दबाव डालने की कोशिश है, लेकिन कोई भी आत्म-सम्मान रखने वाला देश दबाव में कुछ तय नहीं करता। पुतिन ने दावा किया कि प्रतिबंधों का रूस की अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
हालांकि, ट्रंप ने पुतिन की बातों को नजरअंदाज करते हुए कहा कि उनका निर्णय सही है और रूस पर दबाव डालने वाला कदम है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रतिबंधों के चलते उनकी और पुतिन की मीटिंग रद्द करनी पड़ी क्योंकि उस समय वह बैठक का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा था।
अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद वैश्विक तेल की कीमतों में लगभग 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
भारत के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है क्योंकि देश अपनी जरूरत का 87 प्रतिशत तेल आयात करता है। वहीं, भारत की अधिकांश रूसी तेल आपूर्ति रोसनेफ्ट और लुकोइल से होती है। इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगने से भारतीय तेल कंपनियों के लिए रूसी तेल की खरीद कठिन हो जाएगी, जिससे घरेलू तेल कीमतों में वृद्धि और आर्थिक दबाव बढ़ सकता है।
अमेरिका ने यह कदम रूस-यूक्रेन युद्ध और शांति प्रयासों में धीमी प्रगति के मद्देनजर उठाया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोनिल लेविट ने कहा कि यह कदम आवश्यक था और इसे सही ठहराया गया है।
‘6 महीने में असर दिखेगा…’ ट्रंप की पुतिन को सीधी चेतावनी, भारत पर भी पड़ सकता है असर




