Thursday, November 13, 2025

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40 कुंतल फूलों से सजाया गया बद्रीनाथ धाम, कल खुलेंगे कपाट

बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके तहत शुक्रवार को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी और बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) अमरनाथ नंबूदरी नृसिंह मंदिर से रवाना हुए और दोपहर दो बजे योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचे। इस दौरान जय बदरीविशाल के उद्घोष और मांगल गीतों से ज्योतिर्मठ नगरी गुंजायमान हो उठी। उद्धव, कुबेर, शंकराचार्य और गुरुड की डोली बदरीनाथ धाम पहुंच गई है। मंदिर के कपाट कल सुबह 6 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। मंदिर को 40 कुंतल फूलों से सजाया गया है।वहीं धाम में हल्की बारिश का सिलसिला जारी है।

शनिवार को कुबेर और उद्धव की उत्सव डोली, गाडू घड़ा तेल कलश और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी बदरीनाथ के लिए रवाना होगी।बदरीनाथ मंदिर के कपाट 4 मई को सुबह 6 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। शुक्रवार को ज्योतिर्मठ नृसिंह मंदिर में सुबह से ही विशेष पूजाएं हुईं।

महिलाओं ने मांगल गीत गाए और गद्दी को विदा किया। सात दशक बाद बदरीनाथ के वाहन गरुड़ भगवान की उत्सव डोली भी बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुई।
बीकेटीसी की स्वीकृति मिलने के बाद गरुड़ भगवान की मूर्ति को इस बार उत्सव डोली से प्रस्थान कराया गया। बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा संपन्न होने के बाद छह माह तक गरुड़ की मूर्ति को बदरीनाथ के खजाने में विराजमान किया जाता है।
देव पुजाई समिति के अध्यक्ष अनिल नंबूरी ने बताया कि सात दशक बाद फिर से गरुड़ को उत्सव डोली के साथ बदरीनाथ के लिए रवाना किया गया है। शीतकाल में गरुड़ की नियमित पूजा-अर्चना ज्योतिर्मठ नृसिंह मंदिर में होगी।
बदरीनाथ हाईवे पर यात्रा के दौरान यातायात व्यवस्था बनाने व किसी अप्रिय घटना की स्थिति में पुलिस तुरंत बाइक से पहुंचेगी। इसके लिए पुलिस को जिला प्रशासन के सहयोग से छह बाइकें मिली हैं, जो नियमित हाईवे पर गश्त करती रहेंगी। शुक्रवार को जिलाधिकारी व एसपी ने हरी झंडी दिखाकर बाइकों को रवाना किया।

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