Wednesday, February 5, 2025

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39 ट्रांसजेंडरों की बदली जिंदगी

जहां लोगों की नफरत भरी नजरों का सामना किया हो, उसी जगह जब वही लोग आपको इज्जत दें तो कैसा एहसास होता है, ये कोई हैदराबाद में यातायात सहायक पद पर तैनात 39 ट्रांसजेंडरों से पूछे। ये कभी इसी शहर की सड़कों और यातायात चौराहों पर भीख मांगा करते थे। लोगों के तंज, तानों और बेइज्जती सहा करते थे, लेकिन आज यातायात प्रबंधन में शहर पुलिस की मदद कर रहे हैं। फिलहाल इन ट्रांसजेंडरों की नियुक्ति पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर हुई है, लेकिन अब शहरवासी उन्हें पूरा सम्मान देते हैं। शहर के पटनी सेंटर पर तैनात इनमें से एक निशा कहती हैं कि यह काफी हैरान करने वाला है कि जिस जगह हम भीख मांगा करते थे, अब वहां हम यातायात का प्रबंधन कर रहे हैं। वह अपने समुदाय को यह मौका देने के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी को शुक्रिया कहती हैं। इंटरमीडिएट तक पढ़ीं निशा उस दौर को याद कर आज भी सिहर उठती हैं जब समाज उनसे भेदभाव करता था। कॉलेज में दोस्तों और यहां तक कि उनके खुद के माता-पिता ने भी उन्हें हीन नजरों से देखा। एक अन्य ट्रांसजेंडर यातायात सहायक सना कहती हैं कि यह उनके लिए गर्व की बात है कि अब उन्हें लोग इज्जत देते हैं, जबकि पहले यही लोग उनसे बात करने में भी झिझकते थे। बीते साल नवंबर में अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान सीएम रेड्डी ने अधिकारियों से शहर के भारी यातायात वाले क्षेत्रों में ट्रांसजेंडरों को यातायात स्वयंसेवक के तौर पर तैनात करने को कहा। सीएम ने यातायात उल्लंघन रोकने के लिए ट्रांसजेंडरों की सेवाओं का इस्तेमाल यातायात सिग्नल पर होमगार्ड की तरह करने के लिए कहा था। इसके साथ ही यह भी कहा था कि ट्रांसजेंडरों के लिए एक खास ड्रेस कोड भी हो और होमगार्ड की तर्ज पर उन्हें वेतन भी दिया जाए। सीएम ने बीते 6 दिसंबर को ट्रांसजेंडरों नियुक्ति पत्र सौंपे। इसके साथ ही उन्हें 22 दिसंबर को औपचारिक रूप से यातायात सहायक के रूप में शामिल कर लिया गया।

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