नई दिल्ली/आगरा। राजधानी दिल्ली में 14 से 16 अक्तूबर तक होने वाले अंतरराष्ट्रीय सैन्य सम्मेलन में शामिल होने के लिए दुनिया के 30 से अधिक देशों के सेना प्रमुख भारत आ रहे हैं। इस दौरान सभी प्रतिनिधि देश की सांस्कृतिक धरोहर से भी रूबरू होंगे। सम्मेलन के समापन के बाद विदेशी सैन्य अधिकारी आगरा पहुंचकर विश्वविख्यात ताजमहल का दीदार करेंगे।
भारतीय सेना की मेजबानी में आयोजित होने वाला यह सम्मेलन रणनीतिक सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक रक्षा साझेदारी को मजबूत करने पर केंद्रित रहेगा। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सम्मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, इंडोनेशिया, ब्राजील और इजराइल सहित कई देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारी और प्रतिनिधि शामिल होंगे।
तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में आधुनिक युद्ध रणनीतियों, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी अभियान, रक्षा तकनीक और सैन्य प्रशिक्षण जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा होगी। भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी (यदि नया नाम लागू हो तो यहाँ अद्यतन किया जाएगा) सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे।
सम्मेलन के पहले दिन विभिन्न सत्रों में भारत की रक्षा क्षमताओं, सीमा प्रबंधन, साइबर सुरक्षा और रक्षा उद्योग में आत्मनिर्भरता पर प्रस्तुतिकरण दिए जाएंगे। दूसरे दिन द्विपक्षीय व बहुपक्षीय वार्ताएं होंगी, जिनमें रक्षा सहयोग और सैन्य प्रशिक्षण में साझेदारी बढ़ाने पर जोर रहेगा।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि सम्मेलन के अंतिम दिन सभी अतिथियों को भारतीय संस्कृति और विरासत का अनुभव कराने के लिए आगरा भ्रमण का कार्यक्रम रखा गया है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य ऐतिहासिक ताजमहल का दौरा करेंगे और मुगलकालीन स्थापत्य कला की भव्यता को नजदीक से देखेंगे।
भारतीय सेना का कहना है कि यह सम्मेलन न केवल रक्षा साझेदारी को मजबूत करेगा बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और सांस्कृतिक विरासत को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का अवसर देगा।
सेना के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि इस तरह के सम्मेलन भारत की “विश्वसनीय रक्षा साझेदार” के रूप में पहचान को और सुदृढ़ करते हैं। आगरा दौरे के माध्यम से भारत अतिथियों को अपनी “अतिथि देवो भवः” की परंपरा का भी अनुभव कराएगा।





