मुंबई: महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उस बयान पर तीखा पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार 30 जून तक किसानों की कर्जमाफी पर निर्णय लेगी। उद्धव ठाकरे ने इस घोषणा को किसानों का “उपहास” बताया और कहा कि सरकार उनकी समस्याओं को समझने के बजाय तारीखें आगे बढ़ाने में लगी है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य के किसान इस समय कर्ज, सूखे और फसल नुकसान से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार संवेदनशीलता दिखाने के बजाय आश्वासन देकर समय निकाल रही है। उन्होंने कहा, “किसानों की हालत दिन-ब-दिन खराब हो रही है और सरकार कह रही है कि जून तक इंतजार करो। यह मजाक नहीं, बल्कि उनके धैर्य की परीक्षा है।”
उन्होंने फडणवीस पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार किसान कल्याण की बातें तो करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर राहत नजर नहीं आती। उद्धव ने मांग की कि सरकार तुरंत प्रभाव से कर्जमाफी लागू करे और फसल बीमा योजना की खामियों को दूर करे।
ठाकरे ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे नेताओं को किसानों की वास्तविक स्थिति का अंदाजा नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य की आर्थिक रीढ़ किसान हैं और यदि उन्हें राहत नहीं मिली, तो आने वाले समय में कृषि संकट और गहरा सकता है।
कांग्रेस और राकांपा (शरद पवार गुट) ने भी उद्धव ठाकरे के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को किसानों के हित में ठोस कदम उठाने चाहिए, न कि केवल वादों और घोषणाओं तक सीमित रहना चाहिए।





