कोलकाता: आगामी 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी बिगुल फूंक दिया है। कोलकाता में एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शाह ने भाजपा के चुनावी सफर को रेखांकित किया और दावा किया कि जिस तरह पार्टी ने शून्य से शिखर तक का सफर तय किया है, उसी तर्ज पर 2026 में भाजपा राज्य में दो-तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।
चुनावी आंकड़ों का ‘जादू’ और भविष्य का रोडमैप
अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाते हुए पिछले एक दशक के आंकड़ों को ‘करिश्माई’ बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा की यात्रा राज्य में लगातार ऊपर की ओर रही है:
- 2016 से 2021 का बदलाव: शाह ने याद दिलाया कि 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के पास केवल 3 सीटें थीं, लेकिन 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 77 पर पहुंच गया।
- वोट शेयर में बढ़त: उन्होंने बताया कि 2014 में भाजपा का वोट शेयर मात्र 17% था, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 41% हो गया।
- विपक्ष का सफाया: उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस और कम्युनिस्ट गठबंधन अब राज्य में हाशिए पर हैं, जबकि भाजपा ही एकमात्र विकल्प बनकर उभरी है।
घुसपैठ और सुरक्षा को बनाया मुख्य मुद्दा
अपने संबोधन में गृह मंत्री ने ममता बनर्जी सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए ‘घुसपैठ’ को राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताया। उन्होंने कहा:
- बॉर्डर सीलिंग: भाजपा सरकार बनते ही बंगाल की सीमा को पूरी तरह सील कर दिया जाएगा ताकि अवैध घुसपैठ पर लगाम लग सके।
- इनफिल्ट्रेटर्स की पहचान: शाह ने वादा किया कि राज्य में भाजपा की सरकार आने पर घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें बाहर निकाला जाएगा।
- राष्ट्रीय सुरक्षा: उन्होंने आरोप लगाया कि ममता सरकार वोट बैंक की राजनीति के कारण सीमा पर बाड़ लगाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करा रही है।
“अप्रैल 2026 के बाद बहेगी विकास की गंगा”
अमित शाह ने बंगाल की जनता से ‘भय और भ्रष्टाचार’ के शासन को उखाड़ फेंकने की अपील की। उन्होंने घोषणा की कि 15 अप्रैल, 2026 के बाद जब भाजपा सत्ता में आएगी, तो राज्य में विवेकानंद, गुरुदेव टैगोर और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों का बंगाल पुनर्जीवित किया जाएगा। उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ‘टोलाबाजी’ और सिंडिकेट राज को खत्म करने का भी आश्वासन दिया।





