लोकसभा चुनाव में राज्य के 283 बूथ ऐसे हैं, जो शैडो एरिया में आते हैं। यहां नेटवर्क नहीं है। इस वजह से यहां या तो सेटेलाइट फोन से काम होगा या फिर रेडियो सेट से। राज्य में चार बूथ ऐसे भी हैं, जहां सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए लोगों की ड्यूटी लगाई गई है। यहां सेटेलाइट फोन भी काम नहीं करते। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया, प्रदेश में चार बूथ ऐसे हैं, जहां सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए किसी तरह का नेटवर्क नहीं है। लिहाजा, यहां पोलिंग बूथ से लेकर सूचना स्थल तक के लिए अलग-अलग रनर तैनात किए गए हैं। कोई भी सूचना को एक रनर बाइक या अन्य माध्यम से पोलिंग बूथ से लेकर दूसरे प्वाइंट तक जाएगा।