भारत और ब्रिटेन 24 फरवरी से प्रस्तावित व्यापार समझौते (एफटीए) पर फिर से बातचीत शुरू करेंगे। जबकि ब्रिटेन के व्यापार मंत्री जल्द ही भारत के दौरे पर आएंगे। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए है। बता दें कि, यह बातचीत जनवरी 2022 में शुरू हुई थी, लेकिन 14वीं दौर की बातचीत तब रुक गई जब दोनों देशों में चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गई थी।इस समझौते में दोनों देशों ने अधिकतर सामानों पर कस्टम ड्यूटी को कम या खत्म करने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा, सेवाओं और निवेश को बढ़ावा देने के लिए नियमों में ढील देने की बात भी की जा रही है। भारत अपनी आईटी और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में विशेषज्ञों को ब्रिटेन के बाजार में अधिक अवसर देने की मांग कर रहा है, इसके साथ ही कई सामानों पर कस्टम ड्यूटी खत्म करने की भी मांग कर रहा है। वहीं, ब्रिटेन स्कॉच व्हिस्की, इलेक्ट्रिक वाहन, मांस, चॉकलेट और कुछ अन्य मिठाइयों पर आयात शुल्क में भारी कटौती की उम्मीद कर रहा है। ब्रिटेन भारत में अपने टेलीकॉम, कानूनी और वित्तीय सेवाओं जैसे बैंकिंग और इंश्योरेंस क्षेत्रों में भी अधिक अवसर चाहता है। इसके अलावा, भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में घोषणा की कि वित्तीय क्षेत्र में सुधारों के तहत इंश्योरेंस क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत की जाएगी। भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार 2023-24 में बढ़कर 21.34 अरब डॉलर हो गया, जो 2022-23 में 20.36 अरब डॉलर था।