रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केरल के तिरुवनंतपुरम में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि स्वतंत्रता के बाद महिलाओं को इस देश के विकास में सक्रिय योगदान देने से वंचित रखा गया, लेकिन अब स्थिति तेजी से बदल रही है। रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ी हिस्सेदारी का उदाहरण दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘जब मैं गृह मंत्री था तो मैंने सभी राज्यों को निर्देश जारी किए थे कि वे अपने राज्य के सुरक्षा बलों में एक तिहाई सीटें महिला उम्मीदवारों से भरें। आज सभी पुलिस बलों और अर्द्धसैनिक बलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।’ राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘सशस्त्र बलों में महिलाओं के प्रवेश की कई बाधाएं दूर हो गई हैं। सशस्त्र बलों के तीनों विंग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। सैनिक स्कूलों में भी महिलाओं को प्रवेश दिया जा रहा है। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी को भी महिलाओं के लिए खोल दिया गया है। अब तक देश में हजारों युवा लड़कियां एनडीए प्रवेश परीक्षा में भाग लेती हैं।’ मुस्लिम समुदाय को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘तीन तलाक की प्रथा हमारी मुस्लिम बहनों और बेटियों के लिए बड़ा मुद्दा थी। तीन बार तलाक कहकर विवाह जैसी पवित्र संस्था को खत्म करना बिल्कुल भी उचित नहीं कहा जा सकता, लेकिन हमारे देश में बिना किसी रोक-टोक के ये प्रथा जारी थी। हमारी सरकार ने इस कुप्रथा को खत्म करने की इच्छाशक्ति दिखाई। यह मुस्लिम महिलाओं के लिए बड़ी राहत की बात है।’ रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘देश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों और अपराधों को देखते हुए, ऐसा लगता है कि अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। हमारी सरकार ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति सख्त रवैया अपनाया है, लेकिन कई राज्य इस दिशा में ईमानदारी से प्रयास नहीं कर रहे हैं। कोलकाता में हाल ही में हुई दिल दहला देने वाली घटना बहुत दुखद और शर्मनाक है। हमने बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान करने के लिए कानून में संशोधन किया है। इस कानून को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।’
रक्षा निर्यात को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा, ‘हम अब भारत में बने रक्षा उपकरणों का निर्यात कर रहे हैं। वर्ष 2023-24 में भारत का रक्षा निर्यात 21,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है। हमारा लक्ष्य 2029 तक रक्षा निर्यात को 50,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाना है। सशस्त्र बलों द्वारा 509 वस्तुओं और रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा 5012 वस्तुओं की स्वदेशीकरण सूचियां जारी की गई हैं। हमारे देश का रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। हमारा लक्ष्य इस वित्तीय वर्ष में 1.75 लाख करोड़ तक पहुँचना है। 2029 तक हम भारत में 3 लाख करोड़ रुपये का रक्षा उत्पादन हासिल करना चाहते हैं।’