कीमतों में जोरदार वृद्धि के कारण चालू रबी सीजन 2024-25 में किसानों की आय सालाना आधार पर 12.5 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। वर्ष 2025 में किसानों की आय में होने वाली यह बढ़ोतरी पांच साल की औसत सालाना वृद्धि दर 10.3 फीसदी से अधिक है। बीते वर्ष रबी सीजन में किसानों की आय में 6.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) ने एक रिपोर्ट में कहा, कीमतों में वृद्धि के साथ चालू रबी सीजन में फसलों का उत्पादन बढ़ने से भी किसानों की आय में इजाफा होगा। इस दौरान फसलों के कुल उत्पादन में 2.3 फीसदी की तेज बढ़ोतरी की उम्मीद है, जबकि 2024 में उत्पादन की वृद्धि दर सिर्फ 0.8 फीसदी रही थी। इसमें आगे कहा गया है कि गेहूं, चावल, मक्का, चना और रेपसीड-सरसों से होने वाली आय में 11-17 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है, जिससे किसानों की समग्र कमाई में भी इजाफा होगा।सीएमआईई का दावा है कि इस साल के पीक मार्केटिंग सीजन (पीएमएस) में गेहूं की कीमतों में सालाना आधार पर 13-16 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद है। आने वाले महीनों में बाजार में गेहूं की आवक होने से पीक मार्केटिंग सीजन में इसकी कीमतें 2,760 से 2,860 रुपये प्रति क्विंटल के बीच होंगी। यह बीते साल की समान अवधि में गेहूं की औसत कीमत 2,425 रुपये प्रति क्विंटल से 13-16 फीसदी अधिक है।
- चावल के दाम पीक मार्केटिंग सीजन के दौरान सालाना आधार पर 8-9 फीसदी बढ़ सकते हैं।
- मक्के की कीमतों में 13-14 फीसदी और रेपसीड-सरसों में 10-12 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है।
- मक्के से किसानों को होने वाली आय में 11.5 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है। हालांकि, यह 2024 के 11.8 फीसदी से मामूली कम है।
- चना उगाने वाले किसानों की आय 2024 के 2.5 फीसदी से बढ़कर इस साल 12.9 फीसदी पर पहुंच सकती है।
गेहूं और चावल से 16.56 फीसदी तक बढ़ेगी आय
इस साल किसानों को गेहूं से होने वाली आय में 16.56 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है। यह 2024 की तुलना में 9 फीसदी
अधिक है। बीते साल 11.39 करोड़ टन के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद गेहूं उत्पादन में मामूली वृद्धि की ही उम्मीद है। चावल से होने वाली आय 2025 में 13.2 फीसदी बढ़ सकती है, जो 2024 के 8.9 फीसदी से अधिक है।