Wednesday, July 2, 2025

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2008 में कनाडा को वित्तीय संकट से उबारा,ले सकते हैं ट्रूडो की जगह

कनाडा का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा? ये सवाल कई महीनों से सामने आ रहा है। दूसरी ओर अमेरिका और कनाडा के बीच टैरिफ को लेकर तनाव दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, जिसके बाद ये अत्यधिक जरूरी हो गया है कि कनाडा जल्द से जल्द नए प्रधानमंत्री का चयन करे, क्योंकि कनाडा ट्रंप के व्यापार युद्ध और उनके भड़काऊ बयानों से उत्पन्न बढ़ते अमेरिकी तनाव से जूझ रहा है। इस बीच संकट प्रबंधन में माहिर और अनुभवी केंद्रीय बैंकर मार्क कार्नी का नाम कनाडा के प्रधानमंत्री के मुख्य दावेदार के रूप से सामने आ रहा है। देखा जाए तो कार्नी रविवार को लिबरल पार्टी द्वारा अपनी नेतृत्व घोषणा के साथ निवर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की जगह लेने के लिए सबसे प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं।कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर मार्क कार्नी 59 वर्ष की आयु में एक स्थिर और प्रभावशाली नेता के रूप में उभरे हैं। 2008 के वित्तीय संकट के दौरान उनके नेतृत्व ने कनाडा को अन्य देशों की तुलना में बेहतर तरीके से इस आर्थिक तूफान से उबारने में मदद की, जिसके कारण उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी प्रशंसा मिली। उनका प्रमुख योगदान यह था कि उन्होंने ब्याज दरों पर स्पष्ट मार्गदर्शन दिया, जिससे व्यवसायों और परिवारों को आश्वस्त किया गया। इसके अलावा, उन्होंने जटिल वित्तीय नीतियों को सरल भाषा में समझाया, जिससे उन्हें अर्थशास्त्रियों के बीच विश्वसनीयता प्राप्त हुई।जनवरी में नेतृत्व की दौड़ में कदम रखने के बाद से कार्नी ने अपनी स्थिति मजबूत की है। उन्होंने लिबरल पार्टी के कई कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों का समर्थन प्राप्त किया है, जिससे उनकी दावेदारी मजबूत हुई है। उनकी मुख्य प्रतिद्वंदी, पूर्व उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड, जिन्होंने दिसंबर में ट्रूडो की सरकार से इस्तीफा दे दिया था समय के साथ अब एक कमजोर दावेदार मानी जाती हैं।कनाडा में राजनीतिक बदलाव के कारण प्रमुख कारणों में अमेरिकी से बढ़ते आर्थिक और कूटनीतिक तनाव हैं। ट्रंप के आक्रामक व्यापार नीतियों और कनाडा को 51वां राज्य बनाने के बारे में उनकी भड़काऊ टिप्पणियों ने कनाडा में राष्ट्रवादी भावना को बढ़ावा दिया है। कनाडाई नागरिकों ने अमेरिकी राष्ट्रगान का विरोध किया है और अमेरिकी उत्पादों का बहिष्कार किया है। इन घटनाओं ने सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी को आगामी चुनावों में बढ़त दिलाई है। ऐसे समय में ट्रूडो के पद छोड़ने के फैसले ने आगामी नेतृत्व चुनाव को कनाडा की वाशिंगटन के साथ अस्थिर होते संबंधों को संभालने की क्षमता का जनमत संग्रह बना दिया है।

 

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