Friday, November 14, 2025

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20 साल बाद भी बिहार की सत्ता का पर्याय नीतीश कुमार

बिहार की राजनीति में दो दशकों से भी अधिक समय से अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज भी सत्ता समीकरणों के केंद्र में हैं। बदलते राजनीतिक माहौल, गठबंधनों के उतार–चढ़ाव और विपक्ष की चुनौतियों के बावजूद नीतीश वह नाम हैं, जिसने लगातार बिहार की सत्ता के समीकरणों को प्रभावित किया है। वर्ष 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद से लेकर आज तक उनका राजनीतिक सफर कई ऐतिहासिक मोड़ लेकर आया।

2005—बदलाव की शुरुआत

2005 के चुनावों ने बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव किया। लालू प्रसाद यादव के लंबे शासन के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में जनता दल यूनाइटेड और भाजपा गठबंधन ने सत्ता पर कब्ज़ा किया। नीतीश पहली बार मुख्यमंत्री बने और विकास, शासन–सुधार तथा सुशासन के नारे ने उन्हें जनता के बीच तेजी से लोकप्रिय बना दिया।

2010—सबसे बड़ी जीत

2010 का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर का शिखर माना जाता है। एनडीए गठबंधन ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की और जेडीयू–भाजपा गठजोड़ ने 200 से अधिक सीटें जीतीं। इस चुनाव में नीतीश की स्वच्छ छवि और विकास कार्यों ने निर्णायक भूमिका निभाई।

2015—गठबंधन बदलाव और शानदार वापसी

2013 में भाजपा से अलग होने के बाद 2015 में नीतीश ने लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया। इस गठबंधन ने भाजपा को बड़ी हार दी और नीतीश एक बार फिर सत्ता में लौटे। यह चुनाव उनकी राजनीतिक रणनीति का बड़ा उदाहरण माना जाता है।

2020—एनडीए के साथ फिर वापसी

2017 में एक बार फिर राजनीतिक समीकरण बदले और नीतीश भाजपा के साथ वापस आ गए। 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने बहुमत हासिल किया, हालांकि जेडीयू की सीटें पहले की तुलना में कम हो गईं। इसके बावजूद गठबंधन में उनकी भूमिका केंद्रीय बनी रही और वे मुख्यमंत्री पद पर कायम रहे।

2024–25—लगातार सत्ता में बने रहने का रिकॉर्ड

नौ बार मुख्यमंत्री पद सँभाल चुके नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में एक ऐसा नाम बन चुके हैं, जिनके बिना सत्ता की गणित अधूरी मानी जाती है। पिछले 20 वर्षों में उन्होंने न सिर्फ राजनीतिक मायने में खुद को सिद्ध किया, बल्कि गठबंधन राजनीति के सबसे प्रभावशाली चेहरे के रूप में भी उभरे हैं।

सत्ता का पर्याय क्यों बन गए नीतीश?

  • गठबंधन प्रबंधन की क्षमता
  • व्यक्तिगत स्वच्छ छवि
  • विकास और शासन सुधार का रिकॉर्ड
  • सामाजिक समीकरणों को साधने की महारत

नीतीश कुमार का अब तक का प्रदर्शन बताता है कि वे बिहार के सबसे लंबे समय तक प्रभावी रहने वाले नेताओं में शामिल हैं। बदलते समय के साथ उनकी प्रासंगिकता और राजनीतिक दक्षता ने ही उन्हें दो दशक बाद भी राज्य की सत्ता का पर्याय बना रखा है।

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