Tuesday, August 26, 2025

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1971 का साया अब भी पीछा कर रहा पाकिस्तान का, बांग्लादेश ने फिर मांगी माफी

पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार की हालिया ढाका यात्रा ने 13 साल बाद एक बार फिर 1971 के जख्म ताजा कर दिए। पाकिस्तान की ओर से उम्मीद जताई गई थी कि इस दौरे से दोनों देशों के रिश्तों में नई शुरुआत होगी। लेकिन बांग्लादेश ने साफ कर दिया कि रिश्तों की राह 1971 के मुद्दों के बिना आगे नहीं बढ़ सकती।

ढाका ने पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए नरसंहार और ज्यादतियों के लिए औपचारिक माफी की मांग दोहराई। इसके साथ ही तीन और बड़े मुद्दे उठाए। इनमें आजादी से पहले की संपत्तियों का मुआवजा (लगभग 4.52 अरब डॉलर), बांग्लादेश में फंसे पाकिस्तानियों की वापसी और 1970 के चक्रवात पीड़ितों के लिए मिली विदेशी मदद लौटाना शामिल है।

डार ने सफाई दी कि पाकिस्तान पहले ही 1971 को लेकर माफी जता चुका है। उन्होंने कहा कि जुल्फिकार अली भुट्टो ने 1974 में खेद जताया था और जनरल परवेज मुशर्रफ ने 2000 में अफसोस व्यक्त किया था। लेकिन बांग्लादेशी विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने इस दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो यह विवाद कब का खत्म हो चुका होता।

यूनुस सरकार और रिश्तों का समीकरण
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पिछले एक साल से पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। यूनुस ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकातें की थीं। इसके बावजूद 1971 के मुद्दे अब भी रिश्तों में रोड़ा बने हुए हैं।

इशाक डार की यात्रा के दौरान कुछ अहम समझौते जरूर हुए। दोनों देशों ने आधिकारिक और राजनयिक पासपोर्टधारकों के लिए वीजा छूट देने, व्यापार पर संयुक्त कार्य समूह बनाने, विदेश सेवा अकादमियों और राष्ट्रीय समाचार एजेंसियों में सहयोग बढ़ाने तथा थिंक-टैंक स्तर पर साझेदारी करने पर सहमति जताई।

इतिहास का बोझ
1971 में पाकिस्तान ने ‘ऑपरेशन सर्च लाइट’ चलाया था। इसमें लाखों बंगालियों की हत्या और तीन लाख से अधिक महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले सामने आए थे। इस जघन्य अपराध की यादें आज भी बांग्लादेश के समाज और राजनीति में गहरी हैं।

2010 में अवामी लीग सरकार ने मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना के सहयोगियों पर मुकदमे चलाए थे। उस समय ढाका-इस्लामाबाद संबंध बेहद खराब हो गए थे।

राजनीतिक विवाद
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने यूनुस सरकार पर पाकिस्तान का एजेंडा आगे बढ़ाने का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि अंतरिम सरकार मुक्ति संग्राम के इतिहास को कमजोर करने और जनता की यादों से मिटाने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में नरसंहार का उल्लेख तक नहीं किया, जो दुखद और अस्वीकार्य है।

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