सीरिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण दर्ज करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक उच्च-स्तरीय दल पहली बार 1945 के बाद देश के आधिकारिक दौरे पर पहुंचा। वर्षों से चल रहे गृह युद्ध, मानवीय संकट और राजनीतिक अस्थिरता के बीच यह यात्रा अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बढ़ती सक्रियता और सीरिया में स्थायी शांति स्थापित करने के प्रयासों का संकेत मानी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा परिषद की टीम ने दमिश्क पहुंचकर सीरियाई सरकार के शीर्ष प्रतिनिधियों, विभिन्न राजनीतिक समूहों और राहत एजेंसियों से विस्तृत बातचीत की। इन वार्ताओं में राजनीतिक सुधार, युद्धविराम, शरणार्थियों की वापसी और मानवीय सहायता बढ़ाने जैसे मुद्दे प्रमुख रूप से शामिल रहे। परिषद ने इस बात पर जोर दिया कि लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए सभी पक्षों को राजनीतिक समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।
टीम ने स्थानीय समुदायों, संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों और राहत केंद्रों का भी दौरा किया, जहां उन्हें जमीनी हालात की गंभीर तस्वीर देखने को मिली। कई इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, टूटे हुए बुनियादी ढांचे और बड़े पैमाने पर विस्थापन की समस्या अब भी बनी हुई है। परिषद ने कहा कि सीरिया की जनता को तत्काल अधिक मानवीय सहायता की आवश्यकता है, और इसमें वैश्विक सहयोग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सीरियाई सरकार की ओर से कहा गया कि वे राजनीतिक वार्ता को आगे बढ़ाने और देश में स्थिरता लौटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग करने को तैयार हैं। हालांकि कई विश्लेषकों का मानना है कि वास्तविक समाधान के लिए सरकार, विपक्ष और विदेशी हितधारकों—सभी को विश्वास और पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ना होगा।
सुरक्षा परिषद के इस दौरे को संघर्ष के समाधान की दिशा में एक प्रतीकात्मक लेकिन महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह यात्रा यदि ठोस कार्रवाई में बदलती है, तो सीरिया में वर्षों से झेल रहे लाखों लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आ सकता है।





