गहन चर्चा और बहस के बाद राज्यसभा की कार्रावाई चार अप्रैल सुबह ग्यारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। बता दें कि इससे पहले लोकसभा के बाद राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित किया गया, जिसके बाद अब ये विधेयक कानून बनने से केवल एक कदम दूर है। जहां अब इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। वक्फ संशोधन विधेयक 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 के राज्यसभा से पारित होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर पर राष्ट्रपति शासन को लेकर प्रस्ताव पेश किया। सदन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह सदन मणिपुर राज्य के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 356 (1) के तहत 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा को मंजूरी देता है।वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 राज्यसभा में पारित; विधेयक के पक्ष में 128 वोट, विधेयक के खिलाफ 95 वोट पड़े।
राज्य सभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 और मुसलमान वक्फ रीअपील विधेयक, 2025 पर मतदान के प्रस्ताव पर वोटिंग प्रक्रिया जारी है। विपक्ष के लाए संशोधन पर राज्य सभा में मतदान की प्रक्रिया चल रही है। संसद में मतदान के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के साथ पर्ची से मतों का मिलान किया जाता है।मंत्री रिजिजू ने राज्यसभा में कहा कि वक्फ बोर्ड एक वैधानिक निकाय है और इसे धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए। वक्फ बोर्ड एक वैधानिक निकाय है और वैधानिक निकाय में केवल मुसलमानों को ही क्यों शामिल किया जाना चाहिए? अगर हिंदू और मुसलमानों के बीच कोई विवाद है, तो उस विवाद को कैसे सुलझाया जाएगा?…वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों के साथ भी विवाद हो सकते हैं…वैधानिक निकाय धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए और सभी धर्मों के लोगों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। फिर भी हमने इसमें गैर-मुस्लिमों की संख्या सीमित कर दी है। वक्फ बिल से मुसलमानों को हम नहीं डरा रहे, बल्कि विपक्षी पार्टियां डरा रही हैं।