ब्रिटेन की सबसे शाही रेलगाड़ी का संचालन जल्द बंद हो जाएगा। बकिंघम पैलेस ने कहा कि 156 साल बाद रॉयल ट्रेन आखिरी बार स्टेशन से रवाना होगी। शाही फंड के लेकर वार्षिक ब्रीफिंग के दौरान बकिंघम पैलेस ने कहा कि राजा चार्ल्स तृतीय का मानना है कि रेलगाड़ी को बंद करने का समय आ गया है। यह ट्रेन महारानी विक्टोरिया के समय से चल रही है। इसके परिचालन की लागत बहुत अधिक है और इसे आधुनिक ट्रेन सिस्टम जैसा बनाने के लिए कई बदलाव करने होंगे।
राजा के वित्तीय मामलों के प्रभारी जेम्स चाल्मर्स ने कहा कि आगे बढ़ते हुए हमें अतीत से बंधे नहीं रहना चाहिए। जिस तरह शाही परिवार के काम के कई हिस्सों को आधुनिक बनाया गया है और आज की दुनिया को दिखाने के लिए तैयार किया गया है। उसी तरह सबसे भावुक विदाई देने का समय भी आ गया है, क्योंकि हम अपने धन के आवंटन में अनुशासित और दूरदर्शी होने का प्रयास करते हैं।रॉयल ट्रेन नौ रेलकारों का समूह है। इसे वाणिज्यिक इंजनों से जोड़ा जा सकता है। हालांकि ट्रेन का रखरखाव अनुबंध 2027 में समाप्त होगा, लेकिन यह उससे पहले ही सेवा से हटा दी जाएगी। इससे 1869 से चली आ रही एक परंपरा समाप्त हो जाएगी। महारानी विक्टोरिया ने अपनी यात्राओं के लिए विशेष डिब्बों की एक जोड़ी बनवाई थी।
शाही परिवार को लगातार चौथे वर्ष 86.3 मिलियन पाउंड (118 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का सार्वजनिक वित्त पोषण प्राप्त होगा। इसमें मार्च 2026 तक 12 महीनों में बकिंघम पैलेस के पुनर्निर्माण के लिए 34.5 मिलियन पाउंड शामिल हैं। यह धनराशि सॉवरेन ग्रांट से आती है। जो राजा और शाही परिवार के अन्य सदस्यों के आधिकारिक कर्तव्यों के लिए क्राउन एस्टेट से प्राप्त शुद्ध आय का 12 प्रतिशत अलग रखता है।
क्राउन एस्टेट उन संपत्तियों का एक पोर्टफोलियो है जो राजा के शासनकाल के दौरान उसके स्वामित्व में होती हैं। इन संपत्तियों का प्रबंधन पेशेवर तरीके से किया जाता है और राजा इन संपत्तियों का निपटान नहीं कर सकता। बकिंघम पैलेस ने कहा कि पिछले चार साल से सॉवरेन ग्रांट में कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन महंगाई ने इसके मूल्य को कम कर दिया है। पैलेस ने कहा कि अगर अनुदान में महंगाई के हिसाब से बढ़ोतरी होती तो इस साल यह करीब 106 मिलियन पाउंड होता।