मॉस्को/बीजिंग। क्या इंसान की उम्र 150 साल तक हो सकती है? यह सवाल एक बार फिर सुर्खियों में है। वजह है रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई एक गोपनीय बातचीत का खुलासा। रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच हाल ही में हुई मुलाकात के दौरान दीर्घायु और मेडिकल साइंस की प्रगति पर चर्चा हुई, जिसमें इंसान की औसत आयु को 150 वर्ष तक बढ़ाने की संभावना का जिक्र किया गया। इस बातचीत के दौरान मौजूद उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन भी मुस्कुराए बिना नहीं रह सके।
सूत्रों का कहना है कि यह चर्चा अनौपचारिक माहौल में हुई। पुतिन और शी ने विज्ञान, जैव-प्रौद्योगिकी और आधुनिक चिकित्सा के क्षेत्र में तेजी से हो रहे शोधों का जिक्र करते हुए कहा कि भविष्य में मानव जीवन को काफी लंबा किया जा सकता है। दोनों नेताओं ने संकेत दिया कि जीन थेरेपी, स्टेम सेल रिसर्च और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मेडिकल टेक्नोलॉजी आने वाले दशकों में मानव जीवन को अप्रत्याशित रूप से लंबा बना सकती है।
बैठक में मौजूद किम जोंग उन ने इस चर्चा को सुनकर हल्की मुस्कान दी और इसे भविष्य की राजनीति और समाज के लिए ‘दिलचस्प विषय’ बताया। हालांकि, इस बातचीत की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मीडिया में यह चर्चा जोरों पर है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह दावा अभी वैज्ञानिक स्तर पर पूरी तरह प्रमाणित नहीं है। हालांकि, चिकित्सा विज्ञान में लगातार हो रहे शोध यह संकेत जरूर देते हैं कि इंसानी जीवन प्रत्याशा आने वाले वर्षों में और बढ़ सकती है। वर्तमान में विकसित देशों में औसत आयु 80-85 वर्ष तक पहुंच चुकी है और एंटी-एजिंग टेक्नोलॉजी पर शोध तेज़ी से जारी है।
कूटनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि यह चर्चा केवल विज्ञान तक सीमित नहीं थी, बल्कि वैश्विक राजनीति के परिप्रेक्ष्य में भी इसके निहितार्थ हैं। यदि जीवन प्रत्याशा वाकई इतनी लंबी हो सके तो न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र बल्कि अर्थव्यवस्था और राजनीति की तस्वीर भी बदल जाएगी।