अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिन 12 अफ्रीकी और मध्य पूर्वी देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर जो प्रतिबंध लगाया था, वह सोमवार से लागू हो गया। यह प्रतिबंध ऐसे समय लागू हुआ है, जब पहले से ही अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की अप्रवासन नीति का विरोध हो रहा है और इसे लेकर लॉस एंजेलिस में हिंसा भड़की हुई है। जिन 12 देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया है, उमें अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, रिपब्लिक ऑफ कांगो, इक्वेटोरियल गिनी, एरीट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन शामिल है। साथ ही बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला के उन नागरिकों पर, जो अमेरिका के बाहर हैं और उनके पास वैध वीजा भी नहीं है, उन पर वीजा प्रतिबंध कड़े किए गए हैं। हालांकि जिन लोगों को प्रतिबंध लगाए जाने से पहले ही अमेरिकी वीजा जारी हो चुका है, उन पर प्रतिबंध लागू नहीं होगा। इस संबंध में सभी अमेरिकी दूतावासों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जिन देशों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है, उनके नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा और उन्हें पर्यटक वीजा, छात्र वीजा, वर्क वीजा और अप्रवासी वीजा भी नहीं दिया जाएगा। वहीं आंशिक प्रतिबंध के तहत उन देशों के नागरिकों पर कुछ खास तरह के वीजा पर ही रोक लगाई जाएगी बाकी पर नहीं।
हैती-अमेरिकी एल्वेनिस लुइस-जस्टे, जो रविवार को न्यू जर्सी के नेवार्क में हवाई अड्डे पर अपने गृह राज्य फ्लोरिडा के लिए उड़ान का इंतजार कर रही थीं, लुइस जस्टे ने कहा कि अमेरिका आने के इच्छुक कई हैतीवासी बस अपने देश में हिंसा और अशांति से बचना चाहते हैं। लुइस-जस्टे ने यात्रा प्रतिबंध के बारे में कहा, ‘मेरा परिवार हैती में रहता है, इसलिए यह देखना और सुनना बहुत परेशान करने वाला है। मुझे नहीं लगता कि यह अच्छी बात है। मुझे लगता है कि यह बहुत परेशान करने वाला है।’
बीते हफ्ते ही राष्ट्रपति ट्रंप ने 12 देशों को लोगों के अमेरिका आने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंध की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को ऐसे विदेशी नागरिकों से सुरक्षित रखना जरूरी है, जो आतंकवादी हमले करने, राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने, नफरत फैलाने या इमीग्रेशन कानूनों का गलत फायदा उठाने की कोशिश करते हैं।