Wednesday, March 12, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

100वां मिशन लॉन्च करने के लिए इसरो तैयार

इसरो के 100वें मिशन जीएसएलवी-एफ 15 रॉकेट के साथ सैटेलाइट एनवीएस-02 को लॉन्च करने का काउंटडाउन शुरू हो गया है। स्वदेशी क्रायोजेनिक स्टेज वाले रॉकेट को 29 जनवरी को सुबह 6.23 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा। 27 घंटे का काउंटडाउन पूरा करने के बाद रॉकेट सैटेलाइट को लेकर रवाना होगा। इसके साथ ही यह इसरो के नए अध्यक्ष वी नारायणन का पहला मिशन होगा। इसरो ने बताया कि जीएसएलवी-एफ15, एनवीएस-02 सैटेलाइट को भू-स्थिर स्थानांतरण कक्षा में स्थापित करेगा। इसकी 27.30 घंटे की उल्टी गिनती मंगलवार सुबह 02.53 बजे शुरू हुई। इसरो के अनुसार, NavIC (नेविगेशन विद इंडियन कंस्टीलेशन) भारत का स्वतंत्र क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम है। इसका उद्देश्य भारत और भारतीय जमीन से 1,500 किमी तक फैले क्षेत्र में उपयोगकर्ताओं को सटीक पोजीशन, वेलोसिटी और टाइमिंग सेवाएं प्रदान करना है। इसरो ने बताया कि यूआर सैटेलाइट सेंटर द्वारा डिजाइन और विकसित एनवीएस-02 उपग्रह का वजन लगभग 2250 किलोग्राम है। इसमें एल1, एल5 और एस बैंड में नेविगेशन पेलोड के साथ-साथ सी-बैंड में रेंजिंग पेलोड भी लगाया गया है, जैसा कि इसकी पहली पीढ़ी की सैटेलाइट एनवीएस-01 में था।बता दें कि, एनवीएस-01, जो दूसरी पीढ़ी का पहला सैटेलाइट था, 29 मई 2023 को जीएसएलवी-एफ12 के जरिए लॉन्च किया गया था। जबकि, एनवीएस-02, एनवीएस सीरीज का दूसरा सैटेलाइट है। इसमें एल1, एल5 और एस बैंड में नेविगेशन पेलोड के साथ-साथ सी-बैंड में रेंजिंग पेलोड भी लगाया गया है, जैसा कि इसकी पहली पीढ़ी की सैटेलाइट एनवीएस-01 में था।

एनवीएस-01/02/03/04/05 को नेविगेशन सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए बेस लेयर कंस्टीलेशन को और मजबूत बनाने के लिए तैयार किया गया है। इसरो ने कहा कि उपग्रह का उपयोग स्थलीय, हवाई और समुद्री नेविगेशन, सटीक कृषि, मोबाइल उपकरणों में लोकेशन आधारित सेवाएं, उपग्रहों के लिए कक्षा निर्धारण, इंटरनेट-ऑफ-थिंग्स (IoT) आधारित अनुप्रयोग, आपातकालीन और समय सेवाएं प्रदान करना है।

Popular Articles