ट्रंप प्रशासन ने अंतर्राष्ट्रीय विकास के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका एजेंसी (यूएसएआईडी) में बड़े स्तर पर छंटनी की योजना बनाई गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने फैसला लिया है कि इस एजेंसी के 10,000 से ज्यादा कर्मचारियों में से केवल 294 लोगों की नौकरी रहेगी। जानकारी के मुताबिक, सिर्फ अफ्रीका और एशिया ब्यूरों में बेहद ही कम कर्मचारी बचेंगे। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले के बाद अफ्रीका ब्यूरो में सिर्फ 12 लोग और एशिया ब्यूरो में सिर्फ आठ कर्मचारी रह जाएंगे। यह योजना एलन मस्क के नेतृत्व में सरकार के पुनर्गठन कार्यक्रम का हिस्सा है। वहीं पूर्व यूएसएआईडी प्रमुख जे. ब्रायन एटवुड ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को हटाने सेदुनिया भर में लाखों लोगों की जान को खतरा हो सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सैकड़ों कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की नौकरी जा चुकी है और कई जीवन-रक्षक योजनाएं रुकी हुई हैं। सरकार ने मंगलवार को घोषणा की थी कि सभी कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया जाएगा और विदेशों में तैनात हजारों कर्मियों को वापस बुला लिया जाएगा।जानकारी के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन की योजना यूएसएआईडी को स्टेट डिपार्टमेंट में मिलाने की है, जिसे अब मार्को रुबियो चला रहे हैं। हालांकि, यह विलय तभी संभव होगा जब अमेरिकी संसद (कांग्रेस) इसे मंजूरी देगी। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से 130 देशों को मिलने वाली मदद पर असर पड़ेगा, यूएसआईडी हर साल करीब $40 बिलियन (40 अरब डॉलर) की सहायता वितरित करता है। इसमें यूक्रेन, इथियोपिया, जॉर्डन, कांगो, सोमालिया, यमन और अफगानिस्तान जैसे संघर्ष-ग्रस्त देशों को इससे बड़ी मदद मिलती थी। अब इन देशों की आर्थिक और मानवीय सहायता पर गंभीर असर पड़ सकता है





