रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि सिग्नल खराब होने की समस्या को देखते हुए सभी रेलवे जोन पर लागू एक एकीकृत ट्रेन परिचालन सुरक्षा मानदंड अगले 10 दिनों में जारी किया जाएगा। 17 जून को हुए कंचनजंगा रेल हादसे में रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने अपनी जांच रिपोर्ट में इन मानदंडों में विसंगति को चिह्नित किया, जिसके बाद रेल मंत्रालय ने सभी 17 रेलवे जोन के सहायक नियमों (एसआर) में एकरूपता लाने की प्रक्रिया शुरू की। रेल मंत्री वैष्णव ने पत्रकार वार्ता में कहा, पश्चिम बंगाल में एक मालगाड़ी ने सियालदह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी थी, जिससे मालगाड़ी के लोको पायलट सहित 10 लोगों की मौत हो गई थी। दुर्घटना के समय ट्रेन खड़ी थी। उन्होंने कहा, हमने सीआरएस के साथ मामले पर चर्चा करने के बाद एक समिति गठित की और सभी 17 जोन के सहायक नियमों की समीक्षा करने का काम शुरू किया ताकि उनमें एकरूपता लाई जा सके। हमने प्रक्रिया पूरी कर ली है और अब अगले 10 दिनों में सभी क्षेत्रों पर लागू एकीकृत एसआर नियम जारी कर दिए जाएंगे। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, रेल मंत्रालय ने सामान्य नियम (जीआर) तैयार किए, जिसके आधार पर रेलवे जोन ने अपने स्थानीय और क्षेत्रीय मुद्दों के समाधान के लिए अपने सहायक नियम बनाए। हालांकि, एसआर जीआर का खंडन नहीं कर सकता।
रेलवे अधिकारी ने कहा, कंचनजंगा दुर्घटना मामले में यह पता चला कि स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली की विफलता के दौरान ट्रेन की गति बनाए रखने के मानदंडों में भिन्नताएं थीं। सीआरएस जांच ने इसे उजागर किया, जिसके बाद रेलवे बोर्ड ने इसे हल करने के लिए कदम उठाया।