शिमला: हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में शुक्रवार, 26 दिसंबर को चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित हो सकती है। हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन (HMOA) ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (IGMC) शिमला में हाल ही में एक चिकित्सक के साथ हुई कथित दुर्व्यवहार की घटना के विरोध में सामूहिक छुट्टी (Mass Leave) पर जाने की घोषणा कर दी है। एसोसिएशन के इस कड़े रुख से पूरे प्रदेश के मरीजों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
विवाद की जड़: IGMC में क्या हुआ?
जानकारी के अनुसार, हाल ही में आईजीएमसी शिमला में ड्यूटी पर तैनात एक रेजिडेंट डॉक्टर/चिकित्सा अधिकारी के साथ कुछ असामाजिक तत्वों या तीमारदारों द्वारा अभद्रता और हाथापाई की गई थी। एसोसिएशन का आरोप है कि बार-बार मांग करने के बावजूद प्रशासन और पुलिस ने दोषियों के खिलाफ अब तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की है। चिकित्सकों का कहना है कि कार्यस्थल पर असुरक्षा के माहौल में काम करना अब उनके लिए असंभव होता जा रहा है।
सामूहिक अवकाश से पड़ेगा व्यापक असर
एसोसिएशन के आह्वान पर प्रदेश भर के जिला अस्पतालों, नागरिक अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टर शुक्रवार को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।
- ओपीडी सेवाएं (OPD): सुबह से ही ओपीडी सेवाएं बंद रहने की संभावना है, जिससे दूर-दराज से आने वाले मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ सकता है।
- सर्जरी: पहले से तय किए गए ऑपरेशन (Elective Surgeries) टाले जा सकते हैं।
- आपातकालीन सेवाएं: हालांकि एसोसिएशन ने कहा है कि आपातकालीन (Emergency) और ट्रॉमा सेवाएं जारी रहेंगी, लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण वहां भी भारी दबाव देखा जा सकता है।
एसोसिएशन की मुख्य मांगें
एचएमओए ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। उनकी प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
- सुरक्षा कानून की सख्ती: प्रदेश के अस्पतालों में ‘मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट’ को कड़ाई से लागू किया जाए।
- दोषियों की गिरफ्तारी: आईजीएमसी की घटना में संलिप्त लोगों को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।
- सुरक्षा कर्मियों की तैनाती: सभी बड़े अस्पतालों में पर्याप्त पुलिस बल या निजी सुरक्षा गार्ड्स की 24 घंटे तैनाती सुनिश्चित हो।
प्रशासन की अपील और वैकल्पिक व्यवस्था
दूसरी ओर, स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश सरकार ने एसोसिएशन से हड़ताल वापस लेने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की है। स्वास्थ्य सचिव ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को निर्देश दिए हैं कि वे वैकल्पिक व्यवस्था करें ताकि मरीजों को कम से कम असुविधा हो। कुछ अस्पतालों में वरिष्ठ डॉक्टरों और प्रशासनिक अधिकारियों को ओपीडी संभालने के लिए कहा गया है।
मरीजों के लिए सलाह
प्रशासन ने आम जनता को सलाह दी है कि बहुत जरूरी न होने पर शुक्रवार को बड़े अस्पतालों के चक्कर न लगाएं और प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों से संपर्क करें।
शिमला सहित पूरे प्रदेश में डॉक्टरों के इस आंदोलन को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी आईजीएमसी और अन्य संवेदनशील अस्पतालों के बाहर अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। अब सभी की नजरें शुक्रवार को होने वाले इस विरोध प्रदर्शन और सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।





