शिमला/बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में शनिवार तड़के बादल फटने की घटना ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी। नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के नम्होल इलाके के गुटराहन गांव में हुए इस हादसे में कई वाहन मलबे में दब गए और खेतों को भारी नुकसान पहुँचा। हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
ग्रामीण कश्मीर सिंह ने बताया कि मलबे के साथ बहता पानी उनकी कृषि भूमि पर फैल गया और फसल को बहाकर ले गया। घटना के बाद प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
शिमला में कोहरा, भारी बारिश का अलर्ट
शनिवार सुबह राजधानी शिमला घने कोहरे से ढकी रही। दृश्यता कुछ मीटर तक सिमटने से स्कूल के समय वाहनों की आवाजाही प्रभावित रही। इस बीच, मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
सड़कें बंद, बिजली-पानी की आपूर्ति ठप
शुक्रवार शाम तक बारिश और भूस्खलन के चलते प्रदेश में 503 सड़कें यातायात के लिए बंद करनी पड़ीं। इनमें अटारी–लेह मार्ग (NH-3), औट–सैंज मार्ग (NH-305) और अमृतसर–भोटा मार्ग (NH-503A) प्रमुख हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, अब तक 953 बिजली ट्रांसफार्मर और 336 जलापूर्ति योजनाएँ प्रभावित हो चुकी हैं।
मानसून से भारी तबाही, 386 मौतें
SEOC की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 जून को मानसून की शुरुआत से लेकर 12 सितंबर तक हिमाचल प्रदेश में बारिश और भूस्खलन से 218 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, सड़क दुर्घटनाओं में 168 लोगों ने जान गंवाई। इस तरह अब तक कुल 386 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं।



 
                                    