114 वर्षीय दिग्गज मैराथन धावक फौजा सिंह को टक्कर मारकर फरार होने वाले फॉर्च्यूनर चालक अमृतपाल सिंह ढिल्लों को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी करतारपुर का रहने वाला है और उसने खुद कबूल किया है कि हादसे के वक्त वह गाड़ी में अकेला था तथा भोगपुर से किशनगढ़ की ओर जा रहा था।
CCTV से हुई पहचान, तीन बार बिकी थी गाड़ी
घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज में सफेद रंग की फॉर्च्यूनर कार (PB20-C-7100) कैद हो गई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। पता चला कि यह गाड़ी मूल रूप से बलाचौर के हरप्रीत के नाम पर रजिस्टर्ड थी और अब तक तीन बार बेची जा चुकी थी।
पुलिस ने छानबीन करते हुए आरोपी अमृतपाल सिंह तक पहुंचने के लिए हर कड़ी को जोड़ा। एसएसपी हरविंदर सिंह विर्क ने स्वयं घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायज़ा लिया और स्थानीय लोगों से पूछताछ की।
हादसे से ठीक पहले घटनास्थल से एक सेवानिवृत्त डीएसपी की गाड़ी भी गुज़री थी। पुलिस ने उनसे भी पूछताछ की, जिससे जांच को अहम सुराग मिले।
ढाबे तक पहुंचने के रास्ते में हुआ हादसा
यह हादसा सोमवार को पठानकोट-जालंधर नेशनल हाईवे पर दोपहर करीब 3:15 बजे हुआ। फौजा सिंह सड़क पार कर रहे थे और अपने दिवंगत बेटे के नाम पर बने ‘कुलदीप वैष्णो ढाबा’ की ओर जा रहे थे, जब तेज़ रफ्तार सफेद फॉर्च्यूनर ने उन्हें टक्कर मार दी।
फौजा सिंह का ढाबे से भावनात्मक जुड़ाव
33 साल पहले, 1992 में, फौजा सिंह के बेटे कुलदीप की ढाबा निर्माण के दौरान दुर्घटना में मौत हो गई थी। उसी जगह उन्होंने बेटे की याद में ढाबे का निर्माण पूरा कराया और उसे किराए पर दे दिया। 114 वर्ष की उम्र में भी फौजा सिंह हर सुबह सैर के बाद ढाबे का एक चक्कर ज़रूर लगाते थे।
फौजा सिंह: उम्र को मात देने वाला एथलीट
दुनिया के सबसे उम्रदराज धावकों में गिने जाने वाले फौजा सिंह ने कई अंतरराष्ट्रीय मैराथन में हिस्सा लिया है और वे भारत और प्रवासी सिख समुदाय के लिए प्रेरणा का प्रतीक हैं। इस हादसे से खेल और सामाजिक जगत में दुख की लहर है।
पुलिस अब आगे की कानूनी कार्रवाई में जुटी है और अमृतपाल सिंह को अदालत में पेश करने की तैयारी कर रही है। उम्मीद है कि इस गंभीर मामले में न्याय जल्द मिलेगा।