बांग्लादेश में अगले साल होने वाले आम चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इसी बीच, देश की अंतरिम सरकार ने बड़ा दावा किया है कि यह चुनाव बांग्लादेश के इतिहास में सबसे निष्पक्ष और शांतिपूर्ण होंगे। अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने यह बात शनिवार को खुलना शहर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र बहाल करने और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए सरकार ने हर जरूरी कदम उठाए हैं।शफीकुल आलम ने साफ किया कि जुलाई 2024 में हुए जनविद्रोह का मुख्य मकसद बांग्लादेश में लोकतंत्र की वापसी था। इसी आंदोलन के बाद शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। इस जनविद्रोह में बड़ी संख्या में छात्रों ने हिस्सा लिया था। अंततः 5 अगस्त 2024 को हसीना सरकार गिर गई और वह भारत चली गईं। इसके बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार ने देश में लोकतांत्रिक माहौल बहाल करने का वादा किया।इसी कड़ी में अंतरिम सरकार ने बीते सप्ताह एक पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। इस समिति का नेतृत्व हाईकोर्ट के पूर्व जज शमीम हसनैन कर रहे हैं। समिति 2014, 2018 और 2024 में हुए आम चुनावों में कथित धांधली, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक हस्तक्षेप की जांच करेगी। आरोप है कि इन चुनावों में सत्ताधारी अवामी लीग ने सत्ता में बने रहने के लिए बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की थी और नागरिकों के वोट देने के अधिकार को छीना गया।सरकार की ओर से जारी आधिकारिक नोटिफिकेशन के अनुसार, यह समिति 30 सितंबर 2025 तक अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट में न केवल बीते चुनावों में हुई अनियमितताओं की जानकारी दी जाएगी, बल्कि भविष्य में चुनावों को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के सुझाव भी शामिल होंगे। अंतरिम सरकार ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति या पार्टी, लोकतंत्र की आड़ में सत्ता में बने रहने के लिए देश के चुनावी तंत्र के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकेगी।