प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारत दौरे पर आए फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर का नई दिल्ली में गर्मजोशी से स्वागत किया। इस महत्वपूर्ण भेंटवार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-फिलीपींस संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने पर सहमति जताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और फिलीपींस अपनी पसंद से दोस्त हैं और नियति से साझेदार।” उन्होंने आगे कहा कि हिंद महासागर से प्रशांत महासागर तक दोनों देशों को साझा मूल्य और दृष्टिकोण जोड़ते हैं। यह दोस्ती केवल ऐतिहासिक नहीं बल्कि भविष्य की दिशा में मजबूत साझेदारी का वादा भी है।
रणनीतिक साझेदारी और सहयोग का विस्तार
भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और ‘सागर’ (SAGAR) विजन में फिलीपींस एक महत्वपूर्ण साझेदार है। दोनों देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और नियम-आधारित व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप नौवहन की स्वतंत्रता का समर्थन करता है।
दोनों देशों ने आपसी सहयोग को मजबूत करने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना (Action Plan) तैयार की है, जिससे रक्षा, व्यापार, निवेश, डिजिटल साझेदारी और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को नई दिशा मिलेगी।
व्यापार और आर्थिक सहयोग
फिलहाल भारत और फिलीपींस के बीच द्विपक्षीय व्यापार 3 अरब डॉलर से अधिक का है। इस बैठक में भारत-आसियान फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की समीक्षा जल्द पूरी करने और एक द्विपक्षीय प्रेफरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट पर काम शुरू करने का भी निर्णय लिया गया।
अगला कदम: ASEAN अध्यक्षता
फिलीपींस 2026 में ASEAN की अध्यक्षता करने वाला है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि भारत इस अहम भूमिका के लिए फिलीपींस को हरसंभव सहयोग देगा।
सभ्यता और संस्कृति के रिश्ते
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और फिलीपींस के संबंध सभ्यता, इतिहास और लोगों के बीच गहरे जुड़ाव पर आधारित हैं। दोनों देशों के बीच हर स्तर पर संवाद और सहयोग लगातार जारी है, जो आने वाले समय में नई ऊंचाइयों को छूने की ओर अग्रसर है।