केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंगलवार को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि धन की कमी के कारण कोई भी महिला योजना से वंचित नहीं रहेगी। यह जरूरत पर आधारित कार्यक्रम है। इसमें बजट कोई मुद्दा नहीं है। वे प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे।
जेपी नड्डा ने कहा कि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान में सभी गर्भवती महिलाओं को सिजेरियन समेत मुफ्त प्रसव की सुविधा मिलती है। केरल की तुलना महाराष्ट्र से न की जाए, क्योंकि दोनों राज्यों की जनसंख्या में बड़ा अंतर है। योजना के तहत लाभ पाने वाली हर मां का ख्याल रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि धन की कमी के कारण कोई भी मां योजना से वंचित नहीं रहेगी। केरल में भी यह जरूरत पर आधारित है। केरल में भी हर गर्भवती का मुफ्त प्रसव होगा। उन्होंने कहा कि हर गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच उसके गर्भधारण करने से पहले से शुरू हो जाती है। साथ ही उसको सारे टीके लगाए जाते हैं। हर महीने की नौ तारीख को सभी जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ गर्भवती महिलाओं की नि:शुल्क जांच करती हैं। आशा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि वे उच्च जोखिम वाले रोगियों का इलाज करें क्योंकि उन्हें अधिक जांच की आवश्यकता होती है।
साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि प्रसव अस्पताल में ही हो। जब प्रसव होता है, अगर यह सी-सेक्शन है, तो अस्पताल में सात दिनों तक रहना निःशुल्क होता है। अगर बच्चे के साथ कोई जटिलता है, तो बच्चे के साथ 10 दिनों तक रहना होता है। उन्होंने कहा कि मां को अस्पताल ले जाने और प्रसव के बाद उसे वापस घर छोड़ने के लिए सरकार द्वारा परिवहन सुविधा दी जाती है। सरकार योजना में हर गर्भवती को लाभ दे रही है।