नासिक / नई दिल्ली। आज भारत की वायुसेना और रक्षा क्षेत्र के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा गया है, जब Tejas MK1A के पहले निर्माण मॉडल ने अपनी मैडन (प्रथम) उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की। इस ऐतिहासिक घटना को देखने और कार्यक्रम की रूपरेखा को लांच करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नासिक स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) प्लांट में उपस्थित रहे। उड़ान के सफल प्रदर्शन के बाद उन्होंने भावुक शब्दों में कहा, “मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया।”
इस उपलब्धि ने “मेक इन इंडिया” और रक्षा उत्पादन स्वावलंबन (Atmanirbhar Bharat) की कोशिशों को एक नई गति दी है।
उड़ान और प्रदर्शन की झलक
सुबह करीब तय समय पर Tejas MK1A विमान टेक ऑफ हुआ और तय मार्ग तथा ऊँचाई पर उड़ान भरी। इस दौरान विमान को जल तोप (water-cannon salute) से सम्मानित किया गया।
यह विमान HAL की नासिक इकाई में निर्मित पहले मॉडल है, जो Bengaluru की मौजूदा दो उत्पादन लाइनों के बाद तीसरी उत्पादन इकाई का प्रतीक है।
Tejas MK1A: बेहतर क्षमताएँ और महत्व
Tejas MK1A मौजूदा Tejas वेरिएंट से कई उन्नयनों के साथ आता है। इसमें निम्न प्रमुख सुधार शामिल हैं:
- संयुक्त एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग क्षमताएँ (air-to-air refuelling)
- आधुनिक लड़ाकू एवियोनिक्स (combat avionics)
- बेहतर उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली (EW suite)
- उच्च विश्वसनीयता और परिचालन दक्षता
HAL के नासिक संयंत्र को ₹150 करोड़ से अधिक निवेश के साथ स्थापित किया गया है, और इसका लक्ष्य Tejas वायुयान की वार्षिक निर्माण क्षमता को बढ़ाना है।
राजनाथ सिंह का उद्घोष और प्रतिक्रिया
कार्यक्रम में उपस्थित रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह घटना भारतीय रक्षा उद्योग के लिए “सम्मान और आत्मविश्वास” की बिंदु है। उन्होंने कहा, “जब हमारा स्वदेशी लड़ाकू विमान आकाश में उड़ता है, तो मेरे सीने में गर्व की अनुभूति होती है।”
सिंह ने यह भी कहा कि इस उड़ान ने यह सिद्ध किया कि भारत अब सिर्फ आयातक राष्ट्र नहीं है, बल्कि अब वह उन्नत विमान निर्माण में भी क्षय समर्थ है। उन्होंने भविष्य में पाँचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों और घरेलू इंजन विकास की दिशा में आगे बढ़ने की दिशा पर जोर दिया।
प्रत्याशाएँ, चुनौतियाँ और आगे की राह
हालाँकि प्रथम उड़ान सफल रही है, लेकिन इस विमान को भारतीय वायुसेना में पूर्णरूपेण शामिल करने के लिए अभी कई प्रक्रियाएँ शेष हैं — जैसे प्रमाणन (certification), परिक्षण (trials), हथियार प्रणाली का एकीकरण आदि।
इस दिशा में महत्वपूर्ण चुनौती GE F404 इंजन की उपलब्धता रही है, जो इस विमान को शक्ति देता है। पिछले कुछ समय से इन इंजनों की आपूर्ति में देरी हो रही थी





