अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक और सफल अध्याय जुड़ गया है। रूस के सोयूज रॉकेट के जरिए नासा और रूस के अंतरिक्ष यात्रियों का संयुक्त दल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर सफलतापूर्वक रवाना हो गया। कजाखस्तान के बाइकोनूर कोस्मोड्रोम से हुई इस लॉन्चिंग को अंतरिक्ष एजेंसियों ने पूरी तरह सुरक्षित और तकनीकी रूप से सफल बताया है।
अभियान के तहत तीन सदस्यीय दल को ISS भेजा गया है। इनमें नासा के एक अंतरिक्ष यात्री और रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के दो अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। लॉन्चिंग के निर्धारित समय पर रॉकेट ने उड़ान भरी और कुछ ही मिनटों में पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश कर लिया। मिशन कंट्रोल सेंटर के अनुसार, सभी प्रणालियाँ सुचारू रूप से काम कर रही हैं, और अंतरिक्ष यान नियोजित मार्ग पर स्थिर गति से आगे बढ़ रहा है।
दल को ISS पर छह महीने के वैज्ञानिक मिशन के लिए भेजा गया है, जहां वे माइक्रोग्रैविटी वातावरण में जैविक अनुसंधान, जलवायु अध्ययन, तकनीकी परीक्षण और नए वैज्ञानिक प्रयोगों पर काम करेंगे। इन प्रयोगों से पृथ्वी तथा अंतरिक्ष, दोनों से संबंधित विज्ञान की नई जानकारियाँ मिलने की उम्मीद है। मिशन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य अंतरिक्ष में मानव जीवन से जुड़े दीर्घकालिक प्रभावों का अध्ययन करना भी है।
लॉन्चिंग को अमेरिका और रूस के बीच सहयोग के अहम उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है। भले ही दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में तनाव मौजूद है, लेकिन अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में साझेदारी लगातार जारी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन वैश्विक सहयोग का प्रतीक है, और इस मिशन ने उस भावना को एक बार फिर मजबूत किया है।
मिशन के अगले चरण में सोयूज स्पेसक्राफ्ट ISS से डॉक करेगा, जिसके बाद दल के सदस्य स्टेशन पर अपनी जिम्मेदारियाँ संभालेंगे। अंतरिक्ष एजेंसियों ने उम्मीद जताई है कि मिशन समय पर और योजनानुसार पूरा होगा।





