रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों की समग्र लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 84,560 करोड़ रुपये की मिलीट्री हार्डवेयर की खरीद को मंजूरी दी है, जिसमें मल्टी-पर्पस मैरिटाइम विमानों की खरीद भी शामिल है। रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी), जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, ने इन खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी है। मंजूरी प्राप्त प्रस्तावों में नई पीढ़ी के टैंक रोधी माइंस (एंटी टैंक), वायु रक्षा सर्वेलेंस रडार, भारी वजन वाले टॉरपीडो, मध्यम दूरी के समुद्री ड्रोन, बहुद्देश्यीय समुद्री विमान, फ्लाइट रिफ्यूलर विमान और सॉफ़्टवेयर डिफ़ाइंड रेडियो शामिल हैं।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि डीएसी ने भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल की निगरानी और हस्तक्षेप क्षमताओं को मजबूत करने के लिए मध्यम दूरी के समुद्री ड्रोनों और बहुद्देश्यीय समुद्री विमानों की खरीद को मंजूरी दी है। वायु रक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के उद्देश्य से वायु रक्षा सर्वेलेंस रडार की खरीद के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। यह रडार विशेष रूप से धीमी, छोटी और कम उड़ान वाले लक्ष्यों का पता लगाने की क्षमताओं को मजबूत करेगा। बयान में कहा गया है कि डीएसी ने भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमताओं और पहुंच को बढ़ाने के लिए फ्लाइट रिफ्यूलर विमान की खरीद के लिए एओएन को (Approval of Necessity) मंजूरी दे दी है।
एक अनुकूल रक्षा स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए भी डीएसी ने पहल किया है। रक्षा अधिग्रहण परिषद ने उत्कृष्टता के लिए नवाचार (iDEX) और स्टार्ट-अप व MSMEs से उन्नत तकनीकों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (DAP) 2020 में संशोधन को मंजूरी दी है। इसके तहत बेंचमार्किंग, लागत गणना, भुगतान अनुसूची और खरीद की मात्रा तय की जाती है। यह iDEX और TDF योजनाओं के तहत स्टार्ट-अप और MSMEs के लिए एक सहायक व्यावसायिक वातावरण के साथ-साथ बहुत आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगा। यह वास्तव में ईज ऑफ डूइंग की भावना से प्रेरित होगा।