नई दिल्ली। सेना प्रमुख ने सोमवार को पाकिस्तान को दो-टूक चेतावनी देते हुए कहा कि हाल ही में संचालित ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल 88 घंटे का एक “ट्रेलर” था। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है और यदि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो उसे “पड़ोसी के साथ कैसे व्यवहार किया जाता है, यह सीख दी जाएगी।”
राजधानी में आयोजित एक सैन्य कार्यक्रम में सेना प्रमुख ने सीमा पार से की जा रही नापाक गतिविधियों पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन किसी भी कीमत पर देश की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जाएगा। “हमने हमेशा अच्छे पड़ोसी का धर्म निभाया है, लेकिन उकसावे की स्थिति में जवाब देने से कभी पीछे नहीं हटेंगे,” उन्होंने कहा।
सेना प्रमुख ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 88 घंटे में सेना ने जिस प्रकार त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए अभियान को अंजाम दिया, वह भारतीय सैन्य बलों की क्षमता, अनुशासन और सामरिक तैयारी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन इस बात का संकेत है कि भारत किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है।
उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकी ढांचे को समर्थन देना पाकिस्तान की पुरानी नीति रही है, लेकिन अब भारत की सुरक्षा नीति अधिक निर्णायक हो चुकी है। सेना प्रमुख ने बताया कि नियंत्रण रेखा पर आधुनिक तकनीक, निगरानी प्रणालियों और नई रणनीतियों के इस्तेमाल से घुसपैठ के प्रयास लगातार नाकाम किए जा रहे हैं।
भविष्य में स्थिति बिगड़ने की आशंका पर उन्होंने कहा कि सेना किसी भी अप्रत्याशित घटना का सामना करने के लिए तैयार है। “हमारे जवान हर मौसम, हर मोर्चे पर तैनात हैं। यदि पाकिस्तान ने उकसावा जारी रखा तो जवाब पहले से भी अधिक सख्त होगा,” सेना प्रमुख ने कहा।
उन्होंने दोहराया कि भारत हमेशा शांतिपूर्ण संबंधों का पक्षधर है, लेकिन इसे कमजोरी समझने की गलती न की जाए। “हमारे धैर्य को चुनौती देना पाकिस्तान के लिए भारी पड़ेगा,” उन्होंने कहा।
सेना प्रमुख के इस बयान को पाकिस्तान की ओर से जारी हालिया बयानबाजी और सीमा पर बढ़ी गतिविधियों के संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।





