सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव में हुए कथित यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। याचिका में मामले की जांच और सुनवाई को पश्चिम बंगाल से बाहर स्थानांतरित करने या केंद्रीय जांच ब्यूरो या एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई थी। इसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ले ली है। वकील आलोक आलोक श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका के साथ कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख करने की इजाजत मांगी है।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित संदेशखाली गांव में महिलाओं ने आरोप लगाया है कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख ने उनकी जमीन पर कब्जा किया और उनके साथ यौन शोषण भी किया। बंगाल की सियासत में यह मामला चर्चा में है और संदेशखाली में इस विषय पर बहुत चर्चा हो रही है।
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें मामले की जांच और संदेशखाली के पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग की गई है। साथ ही, पश्चिम बंगाल पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर दो जजों की खंडपीठ में सुनवाई हुई है।