महाभियोग का सामना कर रहीं फिलीपींस की उपराष्ट्रपति सारा डुटेर्टे सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं। उन्होंने कोर्ट से महाभियोग को रद्द करने और सीनेट में होने वाली सुनवाई को रोकने की मांग की है। पांच फरवरी को राष्ट्रपति फर्डिनांड मार्कोस जूनियर की हत्या की साजिश रचने, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में शामिल रहने और विवादित दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस की सेना के खिलाफ चीन की आक्रामक कार्रवाई की निंदा करने में विफल रहने के आरोप में प्रतिनिधि सभा के सांसदों ने महाभियोग लगाया था।उपराष्ट्रपति सारा डुटेर्टे ने अपने वकीलों के जरिये 15 सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट से महाभियोग को रद्द करने और मुकदमा रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह दोषपूर्ण और सांविधानिक तौर पर कमजोर और गलत है। डुटेर्टे के वकील ने बताया कि उपराष्ट्रपति के खिलाफ शिकायत को इतनी जल्दी सीनेट को भेज दिया गया कि कई सांसद हस्ताक्षर करने से पहले उसे पढ़ ही नहीं सके।उन्होंने कहा कि यह सब डुटेर्टे को 2028 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से रोकने के लिए जा रहा है। यह एक राजनीतिक उत्पीड़न है। सदन के सांसदों का पर्याप्त समर्थन मिलने के बाद महाभियोग की शिकायत को सीनेट को भेजने का आदेश दिया गया, जो जून में एक महाभियोग न्यायाधिकरण के रूप में कार्य करेगी और उपराष्ट्रपति के खिलाफ मुकदमा चलाएगी। इसके बाद पह सार्वजनिक पद पर नहीं रह सकेंगीं।
इससे पहले 23 नवंबर को उपराष्ट्रपति सारा डुटेर्टे ने कहा था कि मैंने किसी से कहा है कि अगर उनकी (दुतेर्ते) हत्या हो जाती है तो वह तब तक न रुके, जब तक राष्ट्रपति फर्दिनांद मार्कोस जूनियर, उनकी पत्नी लीजा अरनेटा और प्रतिनिधि सभा के स्पीकर मार्टिन रोमुअलडेज को न मार दिया जाए।’ हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी थी कि उन्होंने राष्ट्रपति को कोई असल धमकी नहीं दी थी, बल्कि उन्होंने सिर्फ अपनी भावनाएं जाहिर की थी क्योंकि खुद उनकी जान के लिए खतरा है।
सारा डुटेर्टे और राष्ट्रपति फार्दिनांद मार्कोस जूनियर के बीच बीते कई महीनों से तनातनी चल रही है और पिछले साल जून में भी सारा डुटेर्टे ने राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटेर्टे की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।