भविष्य में कोरोना जैसी महामारी से बचाव के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय महामारी नीति पर काम शुरू किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ मिलकर सरकार राष्ट्रीय महामारी तैयारी योजना बना रही है, जिसे जल्द ही सभी राज्यों के साथ साझा किया जाएगा। इसमें सुपर बग से लेकर विभिन्न तरह के विषाणुओं की निगरानी और एआई तकनीक के जरिये एक ही दिन में जिले से लेकर राज्य और दिल्ली में केंद्रीय एजेंसियों तक संदिग्ध मरीज की जानकारी साझा की जाएगी।
भारत में श्वसन संक्रमण के मामले पहले से ही उत्पन्न हो रहे हैं, जिसमें कोरोना के अलावा एडिनो, इन्फ्लुएंजा, पैराइन्फ्लुएंजा, पार्वोवायरस बी19, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) और राइनो वायरस (सामान्य सर्दी) हैं। इसलिए, नई नीति और तैयारी उन्हें और भी सुदृढ़ करने का प्रयास है।
इसके साथ ही, भारत वैश्विक आबादी का 18% योगदान देता है, जिसमें गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) पांच वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। इसलिए, सरकार के नए नीतिक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत को इस प्रकार की महामारियों से बचने और उनका संचालन करने की सामर्थ्य विकसित करना है।