Thursday, March 20, 2025

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सुनीता विलियम्स की वापसी के बाद एक्स-4 मिशन पर नजर

स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की सफल वापसी के बाद अब नजर आगामी एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) पर है। इस अभियान के साथ भी भारत का नाम प्रमुखता से जुड़ा हुआ है। यह निजी मिशन अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक घटना साबित होने वाला है। 2025 के वसंत में प्रक्षेपित होने वाले एक्स-4 के साथ पहली बार एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला एक निजी मिशन पर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा करेंगे।
एक्सिओम-4 मिशन को फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान का उपयोग करके प्रक्षेपित किया जाएगा। यह मिशन लगभग 14 दिनों तक चलेगा और इसमें विभिन्न पृष्ठभूमियों के अंतरिक्ष यात्रियों का एक विविध दल शामिल होगा।शुभांशु शुक्ला, जो भारतीय वायु सेना में परीक्षण पायलट हैं और भारत के गगनयान कार्यक्रम का भी हिस्सा हैं। इस अभियान में उनके अलावा चालक दल में कमांडर के रूप में नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन, पोलैंड से यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री सावोज उज्नान्स्की-विस्नीवस्की और हंगरी से टिबोर कापू शामिल होंगे।आईएसएस पर अपने प्रवास के दौरान, एक्स-4 का चालक दल वैज्ञानिक अनुसंधान, आउटरीच पहल और वाणिज्यिक गतिविधियों में शामिल रहेगा। यह मिशन नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के बीच व्यापक सहयोग का हिस्सा है, जो मानव अंतरिक्ष उड़ान में निजी कंपनियों की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डालता है। नासा के आईएसएस कार्यक्रम के प्रबंधक डाना वीगेल ने कहा, “निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन अद्वितीय सूक्ष्मगुरुत्व वातावरण तक पहुंच का मार्ग प्रशस्त करने और विस्तार करने में मदद करते हैं।”

एक्स-4 का महत्व इसके तात्कालिक उद्देश्यों से कहीं अधिक है। यह अंतरिक्ष अन्वेषण और वाणिज्यिक गतिविधियों में अधिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में एक कदम है। इसरो Ax-4 मिशन पर बारीकी से नजर रखेगा क्योंकि इस मिशन से प्राप्त अनुभवों को गगनयान मिशन में शामिल किया जाएगा। एक्सिओम स्पेस का लक्ष्य दुनिया का पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन विकसित करना है, यह मिशन उस दीर्घकालिक दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जैसे-जैसे एक्स-4 की तैयारियां जारी हैं, शुक्ला की ऐतिहासिक यात्रा और मानव अंतरिक्ष उड़ान में इससे होने वाली संभावित प्रगति को लेकर उत्साह बढ़ रहा है।

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