नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीमा से 30 किलोमीटर के दायरे में सभी अवैध अतिक्रमण हटाए जाएंगे और इसके लिए राज्यों को सख्त कदम उठाने होंगे। उन्होंने सीमावर्ती जिलों के कलेक्टरों को चेतावनी दी कि धार्मिक और अन्य अतिक्रमण किसी नियोजित डिजाइन का हिस्सा हैं और इन्हें तत्काल हटाना आवश्यक है।
गृह मंत्री मंगलवार को गृह मंत्रालय के सीमा प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम (वीवीपी) कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम केवल सरकारी योजना नहीं बल्कि प्रशासन की स्पिरिट बनना चाहिए।
तीन प्रमुख लक्ष्य
शाह ने कहा कि वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम तीन बिंदुओं पर आधारित है –
- सीमांत गांवों से पलायन रोकना।
- गांवों को सरकारी योजनाओं का 100 प्रतिशत लाभ देना।
- इन गांवों को सीमा सुरक्षा का मजबूत उपकरण बनाना।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमांत गांवों को “देश का पहला गांव” कहकर उनकी सोच और महत्व दोनों को बदलने का काम किया है।
पलायन रोकना होगा
गृह मंत्री ने कहा कि यदि गांवों में रोजगार और सभी बुनियादी सुविधाएं हों तो पलायन अपने आप रुक जाएगा। उन्होंने जिला कलेक्टरों से कहा कि वे विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी स्थानीय लोगों को गांव छोड़ने से रोकें।
केंद्रीय बलों की बढ़ेगी भूमिका
शाह ने कहा कि सीमा से लगे गांवों के विकास में सीएपीएफ और सेना को भी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि आईटीबीपी की तरह सभी बल रोजमर्रा की वस्तुएं इन्हीं गांवों से खरीदें। साथ ही, डेयरी सहकारी समितियों के जरिए दूध और अन्य आवश्यकताएं भी स्थानीय स्तर पर पूरी की जाएं। इससे रोजगार बढ़ेगा और पलायन रुकेगा।
मल्टी-सेक्टोरल विकास
गृह मंत्री ने कहा कि वीवीपी के तहत सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल जैसी सुविधाओं के साथ पर्यटन और संस्कृति को भी बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि होमस्टे जैसे प्रयोग यदि सीमांत गांवों तक ले जाए जाएं तो हर घर को रोजगार मिल सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि डेमोग्राफिक बदलाव सीमा सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती है, इसे “भौगोलिक स्थिति” मानकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह सुनिश्चित डिजाइन के तहत हो रहा है और राज्यों को इस पर गंभीरता से ध्यान देना होगा।