प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल दौरे पर अनर्गल टिप्पणी करने के बाद भारत के कड़े रुख को देख चीन के सुर नरम पड़ गए हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग बेनबिन ने कहा, चीन और भारत दोनों मानते हैं कि सीमा विवाद का जल्द समाधान दोनों देशों के हित में है। वेनबिन ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्ष भारत-चीन के नेताओं के बीच बनी साझा समझ और विभिन्न समझौतों की भावना के अनुरूप राजनयिक और सैन्य चैनलों के जरिये वार्ता जारी रखेंगे और सीमा विवाद के ऐसे हल तक पहुंचेंगे जो दोनों को स्वीकार्य हो। वांग ने उम्मीद जताई कि भारत द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक ऊंचाई देने के लिए दीर्घकालिक सोच के साथ चीन के साथ एक दिशा में काम करेगा। उन्होंने कहा, हम हमें आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए और गलतफहमियों और गलत फैसलों से बचना चाहिए। किसी भी तरह की बाधा को दूर करने के लिए बातचीत और सहयोग बढ़ाना चाहिए। हमें अनावश्यक विवाद खड़ा करने से बचना चाहिए। इस तरह हम द्विपक्षीय संबंधों को विकास के मजबूत और स्थिर रास्ते पर ला सकते हैं। यह ध्यान दिलाए जाने पर कि जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में हालिया विवाद के समाधान पर जोर दिया है जहां दोनों देशों ने भारी संख्या में सैनिक जमावड़ा कर रखा है जबकि चीन पूरे सीमा विवाद को सुलझाने की बात कर रहा है, वांग ने कहा, दोनों बातों की प्रकृति एक जैसी है। वेनबिन ने कहा कि दोनों देशों को गलत निर्णय लेने से बचने के लिए आपसी विश्वास बहाल करना होगा, क्योंकि यह पूरी तरह सच है कि आपस में झगड़े से किसी को कोई लाभ नहीं मिलने वाला।