नई दिल्ली। भारत की जांच एजेंसी सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने विदेशों में छिपे भगोड़ों पर शिकंजा कसने के लिए ‘ग्लोबल ऑपरेशन सेंटर’ की स्थापना की है। इस केंद्र का उद्देश्य उन अपराधियों और आर्थिक भगोड़ों का पता लगाना और उन्हें भारत वापस लाना है, जो विभिन्न देशों में शरण लेकर न्याय से बचने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, केंद्र के गठन के बाद से सिर्फ पिछले नौ महीनों में 189 रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) जारी किए गए हैं — जो एजेंसी के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा अभियान माना जा रहा है।
सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह ग्लोबल ऑपरेशन सेंटर इंटरपोल के साथ सीधा समन्वय स्थापित करेगा और दुनिया भर में भारतीय भगोड़ों की लोकेशन ट्रैक करने के लिए नवीनतम तकनीक और डेटाबेस का उपयोग करेगा। केंद्र में अंतरराष्ट्रीय मामलों, साइबर विश्लेषण, और कानूनी समन्वय के विशेषज्ञ अधिकारियों की विशेष टीम बनाई गई है।
अधिकारियों के अनुसार, इस अभियान का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी अपराधी विदेश भागकर भारतीय कानून से बच न सके। पिछले कुछ महीनों में इस केंद्र की मदद से कई प्रमुख भगोड़ों का पता लगाया गया है, जिनमें आर्थिक अपराध, आतंकवाद, साइबर फ्रॉड और मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े आरोपी शामिल हैं।
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया को अब डिजिटल और तेज बनाया गया है। पहले किसी भगोड़े के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अलर्ट जारी करने में कई हफ्ते लग जाते थे, लेकिन अब नई प्रणाली के तहत यह कार्य कुछ ही दिनों में पूरा हो सकता है।
एजेंसी ने बताया कि 9 महीनों में जारी 189 नोटिसों में से लगभग 40 मामलों में विदेशी एजेंसियों से सकारात्मक जवाब मिला है, और कई भगोड़ों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया चल रही है। इनमें कुछ हाई-प्रोफाइल आर्थिक अपराधी भी शामिल हैं।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, “ग्लोबल ऑपरेशन सेंटर न केवल भगोड़ों की पहचान करेगा बल्कि प्रत्यर्पण प्रक्रिया को भी तेज करेगा। इसके जरिए विभिन्न देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सीधा संवाद और सहयोग संभव होगा।”
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में नीरव मोदी, विजय माल्या, और मेहुल चोकसी जैसे आर्थिक अपराधियों के विदेश भागने के बाद केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराधियों की निगरानी और प्रत्यर्पण को लेकर अपनी नीति और तंत्र को मजबूत किया है।
सीबीआई ने कहा कि आने वाले महीनों में इस ग्लोबल सेंटर को 24×7 इंटरनेशनल ऑपरेशन हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे दुनिया के किसी भी कोने में छिपे भगोड़ों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।