भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने सोमवार को दक्षिणी कमान मुख्यालय का दौरा कर क्षेत्रीय सुरक्षा हालात और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सहित हालिया अभियानों की विस्तृत समीक्षा की।
दौरे के दौरान दक्षिणी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने उन्हें एक विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें सुरक्षा स्थिति, लॉजिस्टिक्स, प्रशासनिक ढांचा और ऑपरेशनल रेडीनेस को लेकर जानकारी दी गई। सीडीएस ने तीनों सेनाओं के संयुक्त अभियान में तालमेल की सराहना की और ऑपरेशन सिंदूर को इंटर-सर्विसेस समन्वय का आदर्श उदाहरण बताया।
उन्होंने कहा कि आज युद्ध केवल पारंपरिक नहीं रह गए हैं, बल्कि असममित और गैर-परंपरागत खतरे कहीं अधिक गंभीर हो चले हैं। ऐसे में सेना को हर क्षेत्र—जल, थल, नभ, अंतरिक्ष और साइबर—में पूरी तैयारी के साथ खड़ा होना होगा।
जनरल चौहान ने टेक्नोलॉजी, खुफिया जानकारी, निगरानी प्रणाली और साइबर क्षमताओं में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने नवाचार, साझा अभियान और बेहतर तालमेल को भविष्य की सुरक्षा रणनीति की रीढ़ बताया।
यह दौरा ऐसे समय पर हुआ है जब भारत अपनी रक्षा रणनीति को और अधिक एकीकृत और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।