पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालय का कुलाधिपति बनाने से संबंधित राज्य सरकार के बिल को राष्ट्रपति ने मंजूरी नहीं दी है। अधिकारियों के अनुसार राष्ट्रपति ने बिल की संवैधानिक वैधता और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इसके प्रभावों को देखते हुए यह कदम उठाया है। राज्य सरकार ने इसे लागू करने के लिए विधानसभा से पास कराया था, लेकिन अब बिल को वापस विचार के लिए भेजा जाएगा। शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के कदम से विश्वविद्यालय की शैक्षणिक स्वतंत्रता और प्रशासनिक संतुलन पर असर पड़ सकता है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रपति के निर्णय का सम्मान किया जाएगा और आगे की कार्रवाई के लिए कानूनी और संवैधानिक विकल्पों पर विचार किया जाएगा।





