अमेरिका की सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआईए) ने भी उन खुफिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया है कि अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के परमाणु केंद्र पूरी तरह से तबाह नहीं हुए हैं। सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ ने कहा कि अमेरिकी हवाई हमलों के बाद ईरान के परमाणु ठिकानों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। रैटक्लिफ ने कहा कि हमें खुफिया जानकारी मिली है कि कई प्रमुख ईरानी परमाणु ठिकाने नष्ट हो गए हैं और उन्हें फिर से बनाने में वर्षों लग जाएंगे।
जॉन रैटक्लिफ ने कहा कि सीआईए इसकी पुष्टि करता है कि हमलों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को भारी नुकसान पहुंचा है। सीआईए उचित निर्णयकर्ताओं और निरीक्षण निकायों को पूरी तरह से सूचित रखने के लिए अतिरिक्त विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी एकत्र कर रहा है। जब भी संभव होगा हम इस मामले के राष्ट्रीय महत्व को देखते हुए और पारदर्शिता प्रदान करने के हर प्रयास में अमेरिकी जनता को भी जानकारी देंगे।
इससे पहले ट्रंप ने कहा कि ईरान पर किए गए अमेरिकी हमलों से उसके परमाणु कार्यक्रम को बड़ा झटका दिया है। वहीं दूसरी ओर, एक प्रारंभिक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इन हमलों से ईरान को केवल मामूली नुकसान हुआ और उसका परमाणु कार्यक्रम कुछ महीनों के लिए ही रुका। ट्रंप ने कहा, यह एक विनाशकारी हमला था, जिसने उन्हें हिला दिया।
ट्रंप ने कहा, मुझे लगता है कि उन्हें कुछ भी निकालने का मौका नहीं मिला, क्योंकि हमने तेज कार्रवाई की। वैसे भी, इस तरह की सामग्री को ले जाना बहुत मुश्किल और खतरनाक होता है। अमेरिकी सांसदों को इस मुद्दे पर गोपनीय जानकारी देने के लिए जो ब्रीफिंग मंगलवार को होनी थी, अब वह गुरुवार और शुक्रवार को होगी।
दरअसल अमेरिकी सरकार के खुफिया विभाग डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी (DIA) ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि अमेरिकी हमले में ईरान का परमाणु कार्यक्रम बच गया है और ये पूरी तरह से तबाह नहीं हुआ है बल्कि सिर्फ कुछ महीने के लिए पीछे हो गया है। यह जानकारी राष्ट्रपति ट्रंप के उस दावे के पूरी तरह से खिलाफ है, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि अमेरिकी हमले में ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से तबाह हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नुकसान जरूर हुआ है, लेकिन वह पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है।
ये भी दावा किया जा रहा है कि ईरान को हमले का अंदेशा हो गया था और उसने परमाणु बम बनाने के लिए यूरेनियम संवर्धन करने वाले सेंट्रीफ्यूज पहले ही सुरक्षित जगह पहुंचा दिये हैं। साथ ही ये भी कहा गया है कि हमले में परमाणु केंद्र के ऊपरी हिस्से को नुकसान हुआ है, लेकिन इसके बावजूद काफी चीजें सुरक्षित बच गई हैं।