देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं। आगामी चुनावों और पार्टी के भीतर अपनी भूमिका को लेकर उठ रहे सवालों के बीच रावत ने एक कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनके “मैं हूं” कहने का सीधा अर्थ यह है कि ‘टाइगर अभी जिंदा है’।
प्रमुख बिंदु: आत्मविश्वास और राजनीतिक संदेश
- सक्रियता का संकेत: रावत ने इस बयान के जरिए विरोधियों और समर्थकों दोनों को यह जता दिया है कि वे अभी चुनावी राजनीति से रिटायर होने वाले नहीं हैं।
- कार्यकर्ताओं में जोश: पूर्व मुख्यमंत्री के इस अंदाज को कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
- चुनौतियों का सामना: उन्होंने संकेत दिया कि राज्य की मौजूदा चुनौतियों और जनहित के मुद्दों पर वे मुखर होकर लड़ते रहेंगे।
बयान का गहरा अर्थ
हरीश रावत का यह बयान केवल एक फिल्मी संवाद नहीं है, बल्कि उत्तराखंड कांग्रेस के भीतर उनकी पकड़ और आगामी रणनीतियों का एक हिस्सा माना जा रहा है। जब उनसे उनकी भविष्य की भूमिका पर सवाल किया गया, तो उन्होंने बड़े ही शायराना अंदाज में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। उनका मानना है कि राजनीति में अनुभव और जनता से जुड़ाव ही सबसे बड़ी शक्ति है।





