कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारतीय सामानों पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने के कदम को ‘आर्थिक ब्लैकमेल’ करार दिया। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वह असली कूटनीति और राष्ट्रीय हित के बजाय केवल ‘हेडलाइन मैनेजमेंट’में लगे रहते हैं।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की समय पर दी गई चेतावनियों को बार-बार नजरअंदाज किया। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि वह आगे बढ़ें और भारत के हित में काम करें।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा था कि ट्रंप का यह फैसला भारत को एकतरफा और अनुचित व्यापार समझौते के लिए मजबूर करने की कोशिश है। उन्होंने रूस से तेल खरीद पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ की भी आलोचना की और कहा कि मोदी को भारत के हितों को ताक पर नहीं रखना चाहिए।
राहुल गांधी के बयानों का समर्थन करते हुए सिद्दारमैया ने ‘एक्स’ पर लिखा, मैं राहुल गांधी से पूरी तरह सहमत हूं। चाहे जीएसटी हो या नोटबंदी, चीन की घुसपैठ, मोदानी गठजोड़, कोविड की असफलताएं, कृषि कानून, राफेल, पीएम केयर या इलेक्टोरल बॉन्ड हो- राहुल गांधी ने हर मुद्दे पर पहले ही सच बताया था। भाजपा ने उनका मजाक उड़ाया, लेकिन बार-बार वही सही साबित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि ट्रंप के 50 फीसदी टैरिफ पर राहुल गांधी की चेतावनी भी वैसी ही है। उन्होंने कहा, यह आर्थिक ब्लैकमेल है, जो दिखाता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने असली कूटनीति और राष्ट्रीय हित के बजाय सिर्फ प्रचार को प्राथमिकता दी। सिद्दारमैया ने आरोप लगाया कि 2019 से मोदी ट्रंप को खुश करने में लगे रहे- चाहे ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ का नारा देना हो या कोविड के खतरे के बावजूद ‘नमस्ते ट्रंप’ रैली कराना हो या फिर ‘मेक इंडिया ग्रेट अगेन (मिगा) + मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (मागा) = मेगा’ जैसे नारे गढ़ना हो।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एलन मस्क से नजदीकी बढ़ाने की भी कोशिश की, क्योंकि मस्क ट्रंप के करीबी माने जाते हैं। लेकिन यह सारी कोशिशें बेकार गईं। ट्रंप इससे जरा भी प्रभावित नहीं हुए। उन्होंने मोदी की कोशिशों को कूटनीति नहीं, बल्कि आत्मसमर्पण समझा।
उन्होंने आगे आरोप लगाया, ट्रंप ने वो किया जो कोई सच्चा दोस्त नहीं करता- 33 बार कहा कि उसने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम कराया, पाकिस्तान के सेना प्रमुख की मेजबानी की- वहीं व्यक्ति जिसने पहलगाम आतंकी हमले के लिए भड़काऊ भाषण दिए थे और इस्राइल के गाजा पर हमलों का समर्थन किया। प्रधानमंत्री मोदी पूरे समय चुप रहे, सिर्फ अमेरिका की नजरों में अच्छा बने रहने के लिए। न कोई विरोध, न प्रतिकार, न ही कोई गरिमा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब ट्रंप ने भारत पर अनुचित टैरिफ लगाया है और भारत को रूस से संबंध तोड़ने के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रहे हैं, यह भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा, कोई भी विदेशी ताकत हमारे व्यापारिक फैसलों को तय नहीं कर सकती। यह उसकी कीमत है जब विदेश नीति को निजी प्रचार अभियान की तरह चलाया जाता है।
सिद्दारमैया ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1970 के दशक की नीति का हवाला देते हुए कहा, मोदी को उनकी विरासत पर हमला करने के बजाय उनसे कुछ सीखना चाहिए। भारत को अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता गरिमा के साथ बनाए रखनी चाहिए, न कि फोटो खिंचवाने के लिए उसका आत्मसमर्पण करना चाहिए।