महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना के बाद राज्य सरकार ने वहां 60 फीट की एक नई मूर्ति के निर्माण के लिए टेंडर जारी किया है। नई प्रतिमा का आकार पुरानी मूर्ति से दोगुना होगा। प्रतिमा 20 करोड़ की लागत से बनाई जाएगी। महाराष्ट्र सरकार ने काम पूरा करने के लिए छह महीने की समयसीमा निर्धारित की है। 26 अगस्त को 35 फूट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढह गई थी। प्रतिमा का अनावरण पिछले साल नौसेना दिवस के मौके पर किया गया था। इस घटना के बाद शिवाजी महाराज प्रतिमा के संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल को कोल्हापुर से गिरफ्तार किया गया। स्थानीय अपराध शाखा की एक टीम ने कोल्हापुर पुलिस के साथ मिलकर एक अभियान चलाकर चेतन पाटिल को गिरफ्तार किया। इस मामले में मूर्तिकार-ठेकेदार जयदीप आप्टे को गिरफ्तार किया गया है। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। विपक्षी पार्टियों ने राज्य सरकार पर लापरवाही से निर्णय लेने का आरोप लगाया था। महाराष्ट्र लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर जंग लगने पर चिंता व्यक्त की थी और संरचना ढहने से ठीक छह दिन पहले एक नौसेना अधिकारी को भेजी गई चिट्ठी में इससे बचने के उपायों का सुझाव दिया था।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि प्रतिमा का डिजाइन और निर्माण भारतीय नौसेना द्वारा किया गया था। उन्होंने दावा किया कि जब प्रतिमा गिरी तब 45 किमी/प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही थी। पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने कहा कि नई प्रतिमा के निर्माण के लिए टेंडर जारी किया गया है और इसकी ऊंचाई 60 फीट होगी। उन्होंने आगे कहा, “इस प्रतिमा को बनाने में 20 लाख रुपये का खर्च बैठेगा, जिसमें इसकी इंजीनियरिंग, इंस्टालेशन और रखरखाव शामिल है। राज्य सरकार ने काम खत्म करने के लिए छह महीने की समयसीमा तय की है। प्रतिमा की ऊंचाई 60 फीट होगी।”