महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है। इस बीच केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को चुनौती दी है कि वह कांग्रेस से हिंदुत्व की प्रेरणा कहे जाने वाले वीडी सावरकर के बारे में अच्छे शब्द बुलवाकर दिखाएं। अब इस पर शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत की प्रतिक्रिया आई है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को महाराष्ट्र में भाजपा के घोषणापत्र के लॉन्च के दौरान कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे उस कांग्रेस का साथ दे रहे हैं, जिसके नेताओं ने बालासाहेब ठाकरे और हिंदुत्व की विचारधारा वाले विचारक वीर सावरकर का अपमान किया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उद्धव ठाकरे से पूछना चाहता हूं कि क्या वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी से वीर सावरकर के लिए दो अच्छे शब्द कहने का अनुरोध कर सकते हैं।’’शाह ने कहा, ‘‘क्या कांग्रेस का कोई नेता बालासाहेब ठाकरे के सम्मान में कुछ शब्द कह सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अच्छा होगा कि महाराष्ट्र के लोग उन लोगों को जान लें जो ऐसे विरोधाभासों के बीच गठबंधन सरकार बनाने का सपना लेकर आए हैं।’’
संजय राउत ने कहा, “अमित शाह अब तक महाराष्ट्र को समझ नहीं पाए हैं। उन्हें पहले छत्रपति शिवाजी महाराज के असम्मान के बारे में बोलना चाहिए, जो कि सरकार की तरफ से लगाई गई उनकी मूर्ति के गिरने से हुआ है। इसका अनावरण कुछ महीने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।”
यह पहली बार नहीं है, जब भाजपा ने सावरकर को लेकर महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस के रुख को लेकर पर तंज कसा है। पीएम मोदी ने शुक्रवार को ही एमवीए पार्टियों को चुनौती दी थी कि वह सिर्फ 15 मिनट के लिए वीडी सावरकर और शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की तारीफ करवाकर दिखाएं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को भरोसा जताया कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन पूर्व बहुमत के साथ सरकार बनाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के चेहरे का फैसला चुनाव के बाद गठबंधन के सहयोगी दल करेंगे। यह बयान उन्होंने मुंबई में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घोषणापत्र को जारी करने के बाद दिया।
महायुति गठबंधन के घटक दलों में भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल हैं। तीनी दलों ने अपने-अपने घोषणा पत्र जारी किए हैं। शाह ने बताया कि चुनाव के बाद तीनों दलों के मंत्रियों की एक समिति बनाई जाएगी, जो चुनावी वादों को प्राथमिकता देगी। मुख्यमंत्री के चेहरे के सवाल पर शाह ने कहा, फिलहाल एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं। लेकिन चुनाव के बाद तीनों गठबंधन सहयोगी मिलकर मुख्यमंत्री का चयन करेंगे। अमित शाह ने यह भी कहा कि शिवसेना और राकांपा में विभाजन इसलिए हुआ, क्योंकि उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे की जगह अपने बेटे को प्राथमिकता दी और शरद पवार ने अपनी बेटी को अजित पवार की जगह तरजीह दी। इन दलों ने अपने परिवार के सदस्यों को प्राथमिकता दी। इसलिए ये दल टूट गए। अब भाजपा पर बेवजह आरोप लगा रहे हैं। भाजपा परिवारवाद की राजनीति के खिलाफ है।
उन्होंने आरक्षण को कमजोर करने के कांग्रेस के आरोपों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा, यह मोदी सरकार है जिसने अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) को आरक्षण दिया है। हमने आरक्षण को मजबूत किया है। शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संविधान की धज्जियां उड़ाने वाली हरकत तब उजागर हो गई, जब यह बात सामने आई कि (राहुल गांधी द्वारा दिखाई लाल किताब) किताब के पन्ने खाली थे। वह अब मजाक का पात्र बन गए हैं।