नगर निगम की तीसरी बोर्ड बैठक मंगलवार को भारी हंगामे और विवादों के बीच ऐतिहासिक रूप से लंबी चली। करीब साढ़े 11 घंटे तक चली इस बैठक में 329.35 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अनुमानित आय 332 करोड़ रुपये के सापेक्ष व्यय का प्रस्ताव रखा गया था। बैठक में 40 से अधिक प्रस्तावों पर मुहर लगी, जिनमें कुत्तों पर नीति, डेयरी नीति, पथ प्रकाश व्यवस्था सुधार और यूजर चार्ज पर 50 प्रतिशत छूट जैसे अहम मुद्दे शामिल रहे।
मौन धारण से शुरू हुई कार्यवाही
सुबह 11:15 बजे मेयर सौरभ थपलियाल सदन में पहुंचे। नगर आयुक्त नमामी बंसल ने बैठक की शुरुआत उत्तरकाशी जिले के धराली-थराली आपदा पीड़ितों को श्रद्धांजलि स्वरूप दो मिनट का मौन रखकर की। इसके बाद बैठक का एजेंडा आगे बढ़ाया गया।
कांग्रेस पार्षदों का हंगामा
बैठक शुरू होते ही सफाई, डेयरी, अतिक्रमण, पथ प्रकाश व्यवस्था और आवारा कुत्तों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा छिड़ी। इस दौरान भाजपा पार्षद विशाल की टिप्पणी— “कांग्रेसी हर जगह शांत रहते हैं”—ने माहौल गरमा दिया। इस पर कांग्रेस पार्षदों ने बैठक के बीच जमीन पर बैठकर जोरदार विरोध दर्ज कराया। बाद में अन्य पार्षदों के हस्तक्षेप और समझाने पर स्थिति संभली और बैठक आगे बढ़ी।
प्रमुख प्रस्तावों पर मुहर
बैठक के दौरान स्वास्थ्य अनुभाग से संबंधित 4 प्रस्ताव, निर्माण विभाग के 11 प्रस्ताव सहित कुल 40 से अधिक प्रस्तावों को बोर्ड की मंजूरी मिली। वहीं, प्रत्याशा से जुड़े प्रस्तावों को शुरू में नियमों का हवाला देते हुए खारिज कर दिया गया। पार्षदों ने तर्क दिया कि “प्रत्याशा” शब्द एक्ट में ही शामिल नहीं है, इसलिए इसके अंतर्गत कराए जाने वाले कार्य वैध नहीं हैं।
हालांकि, बैठक के अंतिम चरण में देर रात यह प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया।
बजट पास होने के बाद उम्मीदें
नगर निगम प्रशासन का मानना है कि बजट पास होने के साथ ही शहर की सफाई व्यवस्था, पथ प्रकाश व्यवस्था, डेयरी प्रबंधन और आवारा कुत्तों के लिए ठोस नीति पर अमल तेज किया जा सकेगा। वहीं, यूजर चार्ज पर 50% छूट आम नागरिकों को बड़ी राहत प्रदान करेगी।
यह बैठक न केवल अपनी लंबी अवधि बल्कि राजनीतिक नोकझोंक और अंततः महत्वपूर्ण प्रस्तावों के पारित होने के कारण चर्चा में रही।